आत्मा को परमात्मा से मिलाने का माध्यम है ब्रह्माकुमारी: मेहर चंद

वाचस्पति रयाल@

नरेंद्रनगर। पालिका के रामलीला मैदान में आयोजित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शाखा नरेंद्रनगर द्वारा सत्संग का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य प्रवचन कर्ता प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के पंजाब जोन के वरिष्ठ संत भ्राता ब्रह्मा कुमार मेहर चंद थे।
अपने सारगर्भित प्रवचनों से श्रद्धालुओं को प्रभावित करते हुए उन्होंने कहा कि गीता विश्व का सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ है।
जिसमें ज्ञान,ध्यान,कर्म, धर्म,राज, संन्यास आदि योगों का विवेचना पूर्ण सार परिभाषित किया गया है।
अपने प्रभावपूर्ण उपदेश के जरिए उन्होंने श्रद्धालुओं को महाभारत के युद्ध में भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश का मार्मिक कथन सुनाते हुए कहा कि अज्ञान की नींद से जागोगे तो, ज्ञान का तीसरा नेत्र महसूस करोगे।
कहा यह ज्ञान चक्षु कहीं अन्यत्र नहीं बल्कि अपने ही अंदर ढूंढ कर एक अदृश्य शक्ति के रूप में आभास होने लगता है, मनुष्य अपने को ईश्वर के करीब समझने लगता है।
ईश्वर की अनुभूति प्राप्त करने के लिए ज्ञान-ध्यान की आवश्यकता होती है।
धर्म और संस्कृति के क्षेत्र में विश्व गुरु माने जाने वाला धर्म प्रधान भारत देश में स्वामी विवेकानंद के विचारों का सार व वर्तमान विकृत होती जा रही वैचारिकता में अच्छे- भले का भेद समझना जरूरी है।
उन्होंने कहा गीता जैसा स्प्रिचुअल ग्रंथ दुनिया में कोई दूसरा नहीं है, कहा गीता का अध्ययन आत्मा-परमात्मा के स्वरूप स्पष्ट कर देता है।
कहा दुनिया में विभिन्न जाति धर्म के लोग सभी निराकार परमात्मा शिव की संताने हैं। शिव याद करने का सहज योग राज योग है। नई सृष्टि की स्थापना के लिए शिव धरा पर अवतरित हो चुके हैं और उन्हीं की अनुकंपा से राज योग के द्वारा आत्माएं सच्चे सुख शांति की अनुभूति करते हैं। शिव स्तुति ही शांति-मुक्ति का द्वार है।
इस मौके पर ब्रह्माकुमारी नीलम दीदी,अनीता दीदी, रूबी बहन, मनीषा तथा नगर पालिका की पूर्व अध्यक्ष दुर्गा राणा, अशोक बजाज,आशीष सकलानी, मोहनलाल,राजेंद्र सिंह गुसाईं सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रवचन सुनने मौजूद रहे

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