झारखंड के  मुख्यमंत्री ने सरकार ,एमएसडी फार्मास्यूटिकल्स और स्माइल फाउंडेशन के साथ साझेदारी में मोबाइल मेडिकल यूनिट्स को लांच किया

  • मोबाइल मेडिकल यूनिटों झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम, साहेबगंज, चतरा, दुमका और गढ़वा जिलों को सहायता प्रदान करेंगी , 2 लाख से अधिक लोगों तक पहुंचेगी

रांची: झारखंड के माननीय मुख्यमंत्री  हेमंत सोरेन ने एमएसडी फार्मास्यूटिकल्स और स्माइल फाउंडेशन के साथ साझेदारी में मोबाइल मेडिकल इकाइयों को हरी झंडी दिखाई। स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और परिवार कल्याण मंत्री बन्ना गुप्ता, राजेश कच्छप, विधायक खिजरी,  रामचन्द्र सिंह, विधायक मनिका, अरुण कुमार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग;  वंदना डाडेल, प्रधान सचिव मुख्यमंत्री,  आलोक त्रिवेदी, मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में शामिल थे।

‘स्माइल ऑन व्हील्स’ नामक इस कार्यक्रम का लक्ष्य झारखंड के पश्चिम सिंहभूम, साहेबगंज, चतरा, दुमका और गढ़वा जिलों में 2 लाख से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाना है। यह पहल इन जिलों के लगभग 60 गांवों तक पहुंचेगी। कार्यक्रम का प्राथमिक उद्देश्य सरकार की स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को मजबूत करना और पूरक करना और ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच, उपलब्धता और सामर्थ्य को बढ़ाना है।

प्रत्येक मोबाइल मेडिकल यूनिट योग्य डॉक्टरों, पैरा-मेडिकल स्टाफ, प्वाइंट-ऑफ-केयर और डायग्नोस्टिक सेवाओं और दवाओं से लैस होगी। जहाँ यह मोबाइल मेडिकल यूनिट मुफ्त ओपीडी सेवाएं और दवाएं प्रदान करेगा, वहीँ गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं की स्वास्थ्य स्थिति में सुधार करने में मदद करेगा । इस पहल के तहत टीकाकरण, गर्भवती माताओं की देखभाल के बारे में जागरूकता बढ़ेगी और माध्यमिक और यह तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच का समर्थन भी होगा । इन प्रयासों का उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल पर मरीज़ों की जेब से होने वाले खर्च को कम करना, बीमारियों के प्रति संवेदनशीलता और स्वास्थ्य-अनुकूल व्यवहार को बढ़ावा देना है। यह मातृ स्वास्थ्य में सुधार लाने, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने, निदान दर बढ़ाने और कम्युनिटी की सेहत में सुधार करने का प्रयास करेगा।

इस अवसर पर बोलते हुए झारखंड के माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, “मेरा मानना है कि सूचना, जानकारी, सहृदयता के साथ साथ यदि एक ठोस व्यवस्था के अंतर्गत काम किया जाए तो लोगों को समग्र स्वास्थ्य सम्बन्धी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सकती है। मुझे विश्वास है कि सबकी सहायता से शुरू हुई इस पहल से जो शुरुआत की जा रही है उससे राज्य द्वारा चलाई जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं को बहुत बल मिलेगा।”

एमएसडी फार्मास्यूटिकल्स इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर रेहान ए खान ने कहा, “एमएसडी में, हम लोगों के स्वास्थ्य में सुधार करना चाहते हैं। हम स्वास्थ्य देखभाल पहुंच बढ़ाने के अपने साझा मिशन में सरकार के साथ साझेदारी करके प्रसन्न हैं। सरकार, एमएसडी फार्मा और स्माइल फाउंडेशन के बीच यह साँझा प्रयास स्वास्थ्य देखभाल चुनौतियों का समाधान करने और नागरिकों की भलाई में सुधार करने के लिए मिलकर काम करने के महत्व को दर्शाता है।”

एमएसडी फार्मास्यूटिकल्स इंडिया की कार्यकारी निदेशक- पब्लिक पालिसी, कम्युनिकेशन्स व् मार्किट एक्सेस नीलिमा द्विवेदी ने कहा, “हमारे कम्युनिटी प्रोग्रामों के माध्यम से, हमारा उद्देश्य विशेष रूप से नीति आयोग द्वारा आहूत आकांक्षी जिलों में सरकार के प्रयासों को मजबूत करके देश भर में स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच में सुधार करना है। हमें विश्वास है कि ये पहल इन जिलों में लोगों के स्वास्थ्य और जीवन को बेहतर बनाने में मदद करेगी।”

स्माइल फाउंडेशन के को फाउंडर व् एग्जीक्यूटिव ट्रस्टी शांतनु मिश्रा ने कहा, “सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स – 3 में निहित अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देना देश के विकास में एक महत्वपूर्ण रोल है। हमें झारखंड में इन सरकारी प्रयासों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में खुशी हो रही है।”

स्माइल फाउंडेशन के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर विक्रम सिंह वर्मा ने कहा, “हम एमएसडी फार्मास्यूटिकल्स इंडिया के समर्थन के लिए उनका धन्यवाद करते हैं और यह महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का अवसर देने के लिए और हम पर विश्वास के लिए झारखंड सरकार के आभारी हैं। मुझे यकीन है कि भारत भर में हमारा स्वास्थ्य सेवा अनुभव हमारे सामूहिक मिशन को प्राप्त करने में फायदेमंद साबित होगा।”

स्माइल ऑन व्हील्स कार्यक्रम के तहत गांवों और वंचित समुदायों के लिए विशेष डॉक्टरों, नर्सों, चिकित्सा कर्मचारियों और दवाओं के साथ अच्छी तरह से सज्जित मोबाइल चिकित्सा यूनिट्स द्वारा स्वास्थ्य सेवाएं सभी नागरिकों तक पहुंचाई जाएँगी । इस कार्यक्रम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ असेवित या अल्पसेवित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के दरवाजे तक पहुँचें।

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