नगर पालिका रुद्रप्रयाग के नाराज 6 सभासदों ने अपना इस्तीफा डीएम सौरभ गहरवार को सौंपा

रुद्रप्रयाग(प्रदीप लखेड़ा)
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग से बड़ी खबर सामने आ रही है। जहां 6 सभासदों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया है। बकायदा इस्तीफा डीएम सौरभ गहरवार को सौंप दिया है।इस्तीफे की कई वजह सभासदों ने गिनाई है। इस्तीफा देने वाले सभासदों में लक्ष्मण कप्रवान, संतोष रावत, सुरेंद्र रावत, अमरा देवी, रुकमणि भंडारी, उमा देवी शामिल हैं।
नगर पालिका रुद्रप्रयाग में बीते 6 महीने से बोर्ड बैठक न कराने समेत अन्य कई मांगों से नाराज 6 सभासदों ने अपना इस्तीफा डीएम सौरभ गहरवार को सौंप दिया है। हालांकि, अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है कि इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है या नहीं। इधर, रुद्रप्रयाग नगर पालिका अध्यक्ष का कहना है कि बोर्ड बैठक बुलाई गई थी, लेकिन सभासदों ने चर्चा के बजाय विरोध किया।
बता दें कि रुद्रप्रयाग नगर पालिका में 7 निर्वाचित सभासद है। 6 सभासद बीते कई समय से नगर पालिका अध्यक्ष गीता झिंकवाण से बोर्ड बैठक न बुलाने और उनके क्षेत्र में विकास कार्य न कराने, बजट को निर्माण कार्यों पर खर्च न करने समेत अन्य मांगों को लेकर विरोध कर रहे हैं। इसके लिए कई बार सभासद नगर पालिका में भी विरोध दर्ज कर चुके हैं।
शुक्रवार को दोपहर में नगर पालिका की बोर्ड बैठक बुलाई गई, लेकिन इसमें भी गरमा गरम बहस हुई। सभासदों ने बताया कि पालिका अध्यक्ष बोर्ड बैठक के बीच में ही चली गईं। जिसके बाद 6 सभासद जिलाधिकारी सौरभ गहरवार को अपना इस्तीफा सौंपने कलेक्ट्रेट पहुंचे। जिलाधिकारी को दिए इस्तीफे में सभासदों ने कहा कि 6 महीने से बोर्ड बैठक होने और अध्यक्ष के बोर्ड बैठक में छोड़कर चले जाने के कारण इस्तीफा दिया गया है।
सभासदों का कहना है कि इससे पहले भी कई बार पत्र के माध्यम से अधिशासी अधिकारी और पालिका अध्यक्ष को बोर्ड बैठक कराने के लिए लिखित रूप में अवगत किया गया, लेकिन फिर भी बोर्ड बैठक न होने पर सभासदों ने नगर पालिका कार्यालय पर धरना दिया। जिसके बाद 20 अक्टूबर यानी आज बोर्ड बैठक कराए जाने का निर्णय लिया गया, लेकिन अध्यक्ष बिना चर्चा के ही चली गईं।
उनका कहना है कि पालिकाध्यक्ष गीता झिंकवाण के बैठक छोड़कर चले जाने से साफ प्रतीत हो रहा है कि उनका जन समस्या और जनता के हितों से कोई वास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि वे नगर पालिका अधिनियम का उल्लंघन कर रहे हैं। नगर पालिका अधिनियम में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि हर महीने बोर्ड बैठक की जानी अनिवार्य है। बोर्ड बैठक न होने से समस्त सभासद जनता से जुड़े मुद्दों का समाधान नहीं कर पा रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *