शोरूम डकैती मामले में उत्तराखण्ड पुलिस की नजर बिहार पर टिकी

देहरादून। रिलांयस ज्वैलरी शोरूम में पडी करोड़ो की डकैती के मामले में उत्तराखण्ड पुलिस की नजर बिहार पर टिकी है। इस मामले में पुलिस को स्थानीय व आसपास के प्रदेशों के बदमाश दिखायी ही देने बंद हो गये। उल्लेखनीय है कि नौ नवम्बर को सुबह सवा दस बजे राजपुर रोड पर सचिवालय के सामने स्थित रिलायंस ज्वैलरी शोरूम में कर्मचारी पहुंचे और उन्होंने शोरूम खोलकर अपना रोजमर्रा का कार्य करना शुरू किया ही था कि तभी हथियारबंद बदमाश वहां पर धमक पडे और उन्होंने हथियारों के दम पर सभी को बधंक बनाकर वहां पर रखा सारे सोने चांदी, हीरे आदि के जेवर समेट लिये और आधा घंटे तक लूटपाट करने के बाद बदमाश वहां से रफूचक्कर हो गये।
घटना का पता चलते ही पुलिस मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और क्षेत्र के सीसीटीवी कैमरों का अवलोकर करने के पश्चात पुलिस अधिकारियों ने एसओजी व पुलिस की टीमों का गठन कर बदमाशों की तलाश में लगा दिया। देर रात तक पुलिस अधिकारियों ने घोषणा कर दी कि इस वारदात में बिहार जेल में बंद सुबोध गैंग का हाथ है। पुलिस अधिकारियों का दावा है कि इससे पहले भी इस गैंग ने कई अन्य राज्यों में भी रिलायंस के ही ज्वैलरी शोरूम लूटे हैं। जिसके चलते अब इस गिरोह में दून के रिलायंस शोरूम को अपना निशाना बनाया। घटना के अगले ही दिन पुलिस को बदमाशों की मोटरसाईकिलें व कार सहसपुर थाना क्षेत्र में मिल गयी। इसके बाद भी पुलिस सुबोध गैंग का पीछा छोडने को तैयार नहीं हैं। अब भी पुलिस का यही दावा है कि यह काम उसी गैंग का है। जबकि इससे खतरनाक गैंग व बदमाश उत्तराखण्ड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश व उत्तर प्रदेश में मौजूद हैं। फिर सुबोध गैंग को बिहार व उसके आसपास के राज्यों को छोडकर दून में ही रिलायंस का शोरूम दिखायी दिया। जबकि यहां के बदमाशों ने इससे भी खतरनाक तरीके से घटनाओं को अंजाम दिया है। वर्ष 2019 की घटना को पुलिस अधिकारी क्यों भूल रहे हैं। जब हथियारबंद बदमाश ने प्रेमनगर बाजार में सुनार की दुकान को लूटा था तथा दुकान को गोली मारकर अपना खौफ बाजार में पैदा कर दिया था। इसके अलावा ऋषिकेश में भी सुनार से लूट की घटना हुई थी। इस प्रकार से उत्तर प्रदेश में भी एक से बढकर एक बदमाश मौजूद हैं तथा हिमाचल व हरियाणा भी ऐसे बदमाशों से अछूता नहीं है। लेकिन इसके बावजूद पुलिस अधिकारी सुबोध गैंग के सहारे चल रहा है। जिससे तो यही साबित होता है कि अगर भगवान ने दून पुलिस का साथ दिया तो घटना का खुलासा हो सकता है। बाकी इनका भगवान ही मालिक है।

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