गुलदार के मुंह से निकिल को निकाला

देहरादून। निखिल रविवार दोपहर बाद अपने पड़ोसियों कमल थापा, गौतम थापा, उमेश थापा और करण थापा के साथ रिस्पना नदी में खेलने निकला था। इनमें कमल, गौतम और उमेश की उम्र करीब 21 से 22 वर्ष के बीच है। जबकि, करण निखिल की उम्र का है। शाम करीब पांच बजे के बाद वहां अंधेरा होने लगा था। वॉलीबाल खेलते हुए उन्होंने कुछ देर के लिए वहां आग जलाई और हाथ सेंकने लगे। इसी बीच निखिल ने कहा कि घर चलो सब इंतजार कर रहे होंगे। कुछ देर बाद सभी पांचों वहां से चल दिए। इनमें से एक साथी नदी किनारे फैली बेल से लौकी तोड़ने लगा। सबसे पीछे निखिल करीब पांच कदम की दूरी पर चल रहा था। कमल थापा ने बताया कि करीब छह बजे की बात है उन्होंने पीछे से चीख सुनी। आसपास थोड़ी रोशनी हो रही थी। उन्होंने देखा कि निखिल पर गुलदार झपट गया है। इस पर उन्होंने आव देखा न ताव सभी चारों लोगों ने निखिल के पांव पकड़ लिए। गुलदार के मुंह में निखिल के सिर का पिछला हिस्सा था। जब तक वह उसे पूरी तरह अपने चंगुल में लेता सभी ने निखिल को अपनी ओर खींच लिया। उन्होंने शोर मचाया तो आसपास के लोग वहां इकट्ठा हो गए। उन्होंने निखिल को वहां से बाहर निकाला और बस्ती की तरफ आ गए। कुछ देर बाद वहां पर पुलिस और एंबुलेंस भी आ गए थे। कमल ने बताया कि यदि निखिल दो कदम और दूर होता तो गुलदार उसे खींच ले जाता। निखिल को बचाने वालों में सबसे छोटा करन थापा था। उसकी उम्र भी करीब 12-13 वर्ष है। जैसे ही कमल, उमेश और गौतम निखिल की ओर आए तो करन ने भी बहादुरी दिखाई।
नदी में खेलकर घर लौट रहे निखिल पर गुलदार काल बनकर झपटा था। लेकिन, उसके साथी अपनी जान की परवाह किए बगैर उससे भिड़ गए और साथी को गुलदार के चंगुल से खींच लिया। साथियों के अनुसार यदि निखिल दो कदम और पीछे होता तो शायद अनहोनी हो जाती। निखिल के ये चारों साथी उसके लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं।

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