मौलाना कलीम की रिहाई को हर मस्जिद से उठेगी आवाज

जुमे की नमाज में होगा बयान, कराई जाएगी दुआ
हर मस्जिद से राष्टपति के नाम प्रेषित किया जाएगा मेमोरंडम
मदरसा दार-ए-अरकम में आयोजित हुई बैठक
देहरादून। धर्मांतरण के नाम पर यूपी एटीएस की और से गिरफ्तार किये गये मौलाना कलीम सिद्दीकी की रिहाई के लिये उत्तराखण्ड की हर मस्जिद से आवाज बुलंद की जाएगी, आने वाले शुक्रवार (जुमा) को हर मस्जिद में नमाज से पहले बयान किया जाएगा, मौलाना की रिहाई के लिये दुआ कराई जाएगी ओर उसके बाद मस्जिदवार मेमोरंडम तैयार कर जिला अधिकारी के माध्यम से राष्टपति को भेजा जाएगा।  मंगलवार को मदरसा दार-ए-अरकम आजाद कालोनी में आयोजित बैठक में यह फैसला लिया गया है। शहर मुफ्ति व क़ाज़ी दारूल कज़ा मुफ्ति सलीम अहमद कासमी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जमीयत उलेमा-ए-हिन्द मौलाना अरशद मदनी, महमूद मदनी के अलावा तंजीम अइम्मा-ए-मसाजिद, तंजीम रहनुमाए मिल्लत व विभिन्न मदरसों-मस्जिदों के जिम्मेदार हजरात ने शिरकत की। सभी ने एक राय होकर कहा कि मौलाना कलीम सिद्दीकी को साजिश के तहत गिरफ्तार किया गया है। मुस्लिम समुदाय व अमन पसंद हिन्दुस्तानी यूपी एटीएस की कार्रवाई की कड़े शब्दों में निन्दा करते है, और मांग करते है कि मौलाना कलीम सिद्दीकी को तुरंत रिहा किया जाए। बैठक में तय किया गया है कि आने वाले शुक्रवार को सभी मस्जिदों में नमाज से पूर्व मौलाना कलीम सिद्दीकी के खिलाफ की जा रही साजिश पर प्रकाश डाला जाएगा, उनकी रिहाई के लिये दुआ कराई जाएगी और हर मस्जिद से अलग-अलग मेमोरंडम तैयार कर शहर के उलेमाओं के एक प्रतिनिधिमंडल के माध्यम से सभी मेमोरंडम जिला अधिकारी के माध्यम से राष्टपति को भेजे जाएंगे। मौलाना की रिहाई तक यह सिलसिला जारी रहेगा। मुफ्ति सलीम ने मौलाना कलीम की रिहाई के लिये दुआ कराई। बैठक में शहर मुफ्ति व क़ाज़ी दारूल कज़ा मुफ्ति सलीम अहमद कासमी, तंजीम अइम्मा-ए-मसाजिद के प्रदेश अध्यक्ष मुफ्ति रईस अहमद कासमी, जमीयत उलेमा मौलाना अरशद मदनी से मास्टर अब्दुल सत्तार, मुफ्ति वासिल कासमी, मुफ्ति अयाज कासमी, हाफिज सुलेमान, जमीयत मौलाना महमूद मदनी से पूर्व प्रदेश महासचिव मौलाना मासूम कासमी, प्रदेश कोषाध्यक्ष प्रधान अब्दुल रज्जाक, जिला अध्यक्ष मौलाना नसीबुद्दीन, मौलाना अब्दुल कुद्दूस, मदरसा एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड के प्रदेश सचिव मौहम्मद शाहनजर, मौलाना तस्लीम कासमी, मौलाना गुलशेर, मौलाना शराकत, मौलाना सुफयान, मौलाना मौहम्मद आमिर, मौलाना अजहर कासमी, मौलाना आशकार मजाहिरी, मौलाना अब्दुल वाजिद,कारी अबुल फजल, कारी फरमान, हाफिज हुसैन अहमद, तौसीर अहमद, लताफत हुसैन, कारी आरिफ व कारी फरहान आदि मौजूद रहे।
झूठे मुकदमे लगाकर फंसाने की कोशिश
देहरादून। बैठक में कहा गया कि मौलाना ने हमेशा देश के कानून, संविधान को सर्वाेपरि रखा, सभी जाति धर्मों का सम्मान किया है। उनके द्वारा किसी भी धर्म के खिलाफ कोई विवादित बयान नहीं दिया गया है, जिससे देश की एकता व अखंडता को खतरा हो। उन पर झूठे मुकदमे लगाकर फंसाने की कोशिश की जा रही है। संविधान हर बालिग को अपने धर्म को बदलने और स्वतंत्रता से जीने का अधिकार देता है। चाहे इसमें हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई समाज के लोग हों। कहा कि आज मुस्लिम लोग हिंदू धर्म अपना लें तो उनका स्वागत होता है, लेकिन जब हिंदू लोग मुस्लिम धर्म अपना लें तो धर्मांतरण हो जाता है। देश में धर्मांतरण कानून सिर्फ एक ही समाज के लिए बना है। ये सभी धर्म के लोगों पर लागू होना चाहिए।

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