देहरादून की नामित यूनिवर्सिटी यूपीईएस पे लगा जमीन पर अवैध कब्जे का आरोप

देहरादून। देहरादून की जानी मानी यूपीईएस यूनिवर्सिटी जिसे पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी के नाम से भी जाना जाता है आज वह विवादों के घेरे में है। यूनिवर्सिटी के गेट से ठीक सटी हुई प्रोपर्टी के मालिक रमेश दत्ता ने एस एस पी दफ्तर जाके यह आरोप लगाया की यूनिवर्सिटी के बड़े अधिकारी उनकी प्रॉपर्टी के फ्रंट हिस्से पर जबरन दीवार खड़ी करना चाहते हैं। पीड़ित ने बताया की यूनिवर्सिटी के उच्च अधिकारी पुनीत भसीन ने बहुत समय पहले से ही उनकी प्रोपर्टी को जबरन सस्ते दामों पर खरीदने का दवाब बना रहे थे और उन्हें धमकी भी दी गयी थी कि यदि उन्होंने अपनी प्रोपर्टी हमारी यूनिवर्सिटी को नही बेची तो वह मेरी प्रोपर्टी पर कब्जा कर लेंगे । इसकी शिकायत पीड़ित ने 18 जनू को को एस एस पी देहरादून को भी प्रार्थना पत्र के माध्यम से की थी लेकिन अभी तक दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसके पहले भी बीते शुक्रवार की सुबह को यूनिवर्सिटी ने कुछ मजदूर बुला कर पीड़ित की जमीन के फ्रंट हिस्से पर दीवार बनवाने का काम शुरू कर दिया था लेकिन जब पीड़ित को यह जानकारी मिली तो पीड़ित ने सम्बंधित पुलिस चैकी कंडोली को खबर कर दी।

मामले कि गम्भीरता को देखते हुए पुलिस चैकी प्रभारी जगमोहन सिंह ने आनन फानन में हो रहे दीवार निर्माण को रुकवा दिया। पुलिस चैकी प्रभारी ने पीड़ित को ज़मीन से सम्बंधित दस्तावेज लेकर मिलने बुलाया । पीड़ित का कहना है के सभी दस्तावेज देखने के बावजूद कंडोली चैकी प्रभारी ने मेरी ज़मीन के किसी पुराने केस को खारिज होना बताकर यूनिवर्सिटी के पक्ष में ही बात की जबकि पीड़ित की ज़मीन पर कोई मुकदमा नही है ना ही पीड़ित ने यूनिवर्सिटी पर अब तो कोई मुकदमा किया था। 21-06-2022 को यूनिवर्सिटी द्वारा पीड़ित की ज़मीन के फ्रंट हिस्से पर अवैध रूप से पुनः दीवार निर्माण का कार्य शुरू करवा दिया गया है। निर्माण कार्य पुलिस की निगरानी में ही हो रहा है हद तो यहां तक हो गयी के जब निर्माण कार्य का वीडियो पीड़ित के परिचित कुलदीप द्वारा बनाया जा रहा था तब एक पुंलिस कर्मी ने कुलदीप से उसका मोबाइल छीन कर वह वीडियो डिलीट कर दिया और उसे ऐसा न करने के लिए धमका भी दिया। पीड़ित ने उत्तराखंड पुलिस विभाग के मुखिया डीजीपी अशोक कुमार को भी लिखित रूप से अपनी शिकायत दी है ।पीड़ित अब न्याय के लिए उच्च अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगा रहा है ।यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर से इस बाबत जानकारी लेने के लिए फोन किया गया तो उन्होंने कोई भी जवाब देने से मना कर दिया

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