स्वास्थ्य मंत्री की निर्देशों पर आयुष्मान योजना के विशेष अभियान ने पकड़ी रफ्तार

  • बीते जुलाई माह में बने 36 हजार से अधिक लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड
  • प्रदेश में अब तक बन चुके हैं 47 लाख 65 हजार 700 से अधिक आयुष्मान कार्ड
  • आयुष्मान योजना के लाभार्थियों के मुफ्त उपचार में 9 अरब की धनराशि अब तक हो चुकी है खर्च

देहरादून। स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के दिशा निर्देशों के अनुपालन में प्रदेश भर में आयुष्मान कार्ड बनाने का विशेष अभियान अब जोर पकड़ने लगा। शहर से लेकर गांव तक लोग अभियान में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। बीते जुलाई माह में 36 हजार 888 लोगों ने अपने आयुष्मान कार्ड बनाए। इसके साथ ही प्रदेश में अभी तक 47 लाख 65 हजार, 700 से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं प्रदेश में प्रत्येक व्यक्ति को आयुष्मान योजना से जोड़ने के लिए स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने विशेष रुचि दिखाई है। स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशों पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से समय समय पर जागरूकता अभियान व मेलों का आयोजन आदि कार्यक्रम किए जाते रहे हैं। राज्य भर में जुलाई माह से आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के मुताबिक विशेष अभियान के तहत गांव घर के नजदीक ही निरूशुल्क आयुष्मान कार्ड बनाने की व्यवस्था दी गई है। अपने नजदीकी शिविर, जन सेवा केंद्रों (सीएससी), यूटीआई (यूटीआई) केंद्रों, अस्पतालों में तैनात आयुष्मान मित्रों से निशुल्क रूप से आयुष्मान कार्ड बनवाए जा रहे हैं। आम जनमानस को आयुष्मान योजना से आसानी से जोड़ा जाए, इस कार्य में किसी भी स्तर पर लापरवाही ना हो इसके लिए संबंधित अधिकारियों का खास मॉनिटरिंग के निर्देश भी जारी किए हैं।
नतीजतन जुलाई माह तक कुल 47 लाख 65 हजार, 700 से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। वहीं आयुष्मान योजना के तहत लाभार्थी 5 लाख 31 हजार 600 से अधिक बार मुफ्त उपचार सुविधा का लाभ ले चुके हैं। अब तक हुए मुफ्त उपचार में सरकार की 09 अरब से अधिक की धनराशि अभी तक खर्च की जा चुकी है। इस अभियान में यदि परिवार में किसी का पूर्व में आयुष्मान कार्ड बना हो तो वह पूर्व में बना आयुष्मान कार्ड या उसकी फोटोप्रति या वॉटसअप फोटो, या कार्ड का नंबर प्रस्तुत कर सकते हैं। यदि परिवार में किसी का पूर्व में आयुष्मान कार्ड न बना हो तो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत बना राशन कार्ड अथवा राशन कार्ड का नंबर प्रस्तुत करना होगा और जिन परिवारों का राशन कार्ड नहीं है तो उन्हें सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना डाटा बेस में नाम के साथ ही पुराना राशन कार्ड/परिवार रजिस्टर/अन्य सरकारी आई.डी. प्रस्तुत करनी होगी। लेकिन उक्त सभी स्थितियों में लाभार्थी का आधार कार्ड प्रस्तुत करना भी अनिवार्य है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *