उत्तरकाशी। हिमस्खलन की चपेट में आए 29 में से 27 शव निकाल लिए गए हैं। हालांकि, जिला मुख्यालय 11 शव ही पहुंचाए गए हैं। वायु सेना का विमान रविवार सुबह शेष 16 शवों को लाने के हेली बेस कैंप के लिए रवाना हुआ, जिनमें से 10 शव मातली हेलीपैड लाए गए हैं, जबकि दो लापता प्रशिक्षु पर्वतारोहियों की खोजबीन अभी भी जारी है। रविवार को उत्तरकाशी में मौसम खुलते ही प्रशिक्षु पर्वतारोहियों के शवों को निकालने के लिए हेली रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया गया। द्रौपदी का डांडा बेस कैंप से 10 शव को हवाई सेना के हेलीकॉप्टर के जरिए मातली हेलीपैड पहुंचाया गया। हिमस्खलन की चपेट में आए 7 पर्वतारोहियों के शव शनिवार को मातली हेलीपैड पहुंचाए गए। अब तक कुल 11 शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं। बार-बार मौसम खराब होने के कारण रेस्क्यू अभियान प्रभावित हो रहा है। दो लोग अभी भी लापता हैं। बीते चार अक्तूबर को नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के 29 सदस्य हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे। आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि रविवार को हेलीकॉप्टर के माध्यम से 10 शव लाए गए हैं, जिनका मातली में पोस्टमार्टम किया जा रहा है। मातली में आईटीबीपी के अस्पताल परिसर में ही इन शवों का पोस्टमार्टम किया जाएगा। शवों की शिनाख्त की जा रही है। द्रौपदी डांडा बेस कैंप और एडवांस बेस कैंप में अब 6 पर्वतारोहियों के शव हैं। इन शवों को हेली के जरिए उत्तरकाशी पहुंचाया जाना है।उक्त 10 लोगों के शव डोकरानी बेस कैंप से हेलॉकाप्टर के माध्यम से मातली हेलीपैड में लाया गया है, जिनकी उनके परिजनों द्वारा पहचान की गई हैं। शवों का पंचनामा और पोस्टमार्टम किया जा रहा है।
बारिश व बर्फबारी से बढ़ी ठंड
रुद्रप्रयाग। हिमालयी क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी के कारण इस बार पहाड़ों में ठंड ने समय से पहले ही दस्तक दे दी है। यहां अक्टूबर महीने में ही लोगों ने गर्म कपडों का सहारा लेना पड़ रहा है। अगर केदारनाथ धाम की बात करें तो केदारनाथ धाम की पहाडियों पर जमकर बर्फबारी हुई है, जबकि केदारनाथ धाम क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही है। बारिश और बर्फबारी के कारण ठंड बढ़ गई है.ठंड और बारिश के बावजूद भी भक्त बाबा के दर्शन के लिए लाइन में खड़े हो रखे हैं। अभी भी 15 दिन की यात्रा शेष बची हुई है। ऐसे में ठंड के कारण धाम में दिक्कतें बढ़ना शुरू हो गयी हैं।