संत कबीरदास जी के ज्ञान दर्शन पर आधारित किया गया नाट्य मंचन

देहरादून। ‘श्री गुरु पूर्णिमा महोत्सव 2023’ के पावन दिवस पर श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) द्वारा ‘‘कबीरा खड़ा बाजार में’’ नामक आध्यात्मिक नाटक का दिव्य धाम आश्रम, दिल्ली में आयोजन किया गया। संत कबीरदास जी के जीवन व रचनाओं में निहित दिव्य संदेशों को उजागर करने हेतु इस अद्वितीय नाटक का मंचन किया गया। इस नाटक की रूप रेखा स्वयं गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा 33 वर्ष पूर्व तैयार की गयी थी। भक्ति भावों को उद्धत करते इस भव्य प्रेरणादायक कार्यक्रम में असंख्य भक्तों व अनुयायियों की उपस्थिति देखी गई। इस क्रांतिकारी नाटक में डीजेजेएस के आत्म-जागृत स्वयंसेवकों द्वारा 15वीं शताब्दी में प्रचलित सामाजिक व आध्यात्मिक मूल्यों और मान्यताओं के विभिन्न पहलुओं को प्रस्तुत किया गया।
नाटक द्वारासंत कबीरदास जी के संत जीवन व विभिन्न धर्मों में उनके द्वारा प्रचारित एक ईश्वर के संदेश पर प्रकाश डाला गया।
डीजेजेएस प्रवक्ता ने संत कबीरदास जी के ज्ञान दर्शन का आधार लेते हुए उनके द्वारा रचित विभिन्न दोहों व शबदों में निहित आध्यात्मिक अर्थ का सुंदर विवरण प्रस्तुत किया। कबीर साहिब की शिक्षाएं इस तथ्य को उजागर करती हैं कि एक भक्त को बाह्य कर्मकांडों की बजाए दिव्य गुरु से परा विद्या का ज्ञान प्राप्त कर अपनी आत्मा के शुद्धिकरण में संलग्न रहना चाहिए।
डीजेजेएस प्रवक्ता ने सारांशित करते हुए कहा कि अपने जीवन काल में आत्म-साक्षात्कार कर लेना ही मानव जीवन का लक्ष्य है। इस समय के पूर्ण गुरु श्री आशुतोष महाराज जी असंख्य आत्माओं को वास्तविक भक्ति के अलौकिक अमृत से प्रकाशित कर रहे हैं। इस समय का उपयोग करते हुए जिसने समय के पूर्ण सतगुरु कि कृपा द्वारा ‘आत्मज्ञान’ की बारीकियों को समझ लिया है वह ही वास्तव में ज्ञानी कहलाने योग्य है।
नाटक में अद्भुत अभिनय द्वारा प्रस्तुत प्रेरणादायक संदेशों ने उपस्थित भक्तजनों को गुरु भक्ति की पवित्र तरंगों से मंत्रमुग्ध किया और सभी ने आत्म-साक्षात्कार के पथ पर दृढ़ता से बढ़ते हुए आंतरिक व बाह्य रूपांतरण का संकल्प धारण किया।

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