Uttarakhand एसटीएफ के गिरफ्त में राजस्थान का साइबर ठग, करीब 19 करोड़ की ठगी का आरोप

इंस्टाग्राम पर टास्क देकर करता था ठगी, आरोपी पर 33 शिकायतें दर्ज

देहरादून । इंस्टाग्राम पर अलग-अलग कंपनियों को रेटिंग देने का टास्क देकर रुपए कमाने के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले गिरोह के एक सदस्य को उत्तराखंड एसटीएफ की टीम ने राजस्थान से गिरफ्तार किया है। आरोपी के ऊपर करीब 19 करोड़ की ठगी का आरोप है। साथ ही गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, दिल्ली और तेलंगाना के राष्ट्रीय साइबर पोर्टल में 33 शिकायतें दर्ज हैं। टेलीग्राम और इंस्टाग्राम से संबंधित ठगी के आरोपियों की गिरफ्तारी लगातार उत्तराखंड एसटीएफ राजस्थान से कर रही है।

देहरादून निवासी पीड़ित ने साइबर पुलिस को शिकायत दर्ज कराई कि अज्ञात व्यक्ति द्वारा टेलीग्राम के माध्यम से संपर्क कर पार्ट टाइम जॉब कर लाभ कमाने की बात कही गई। उसके बाद अज्ञात व्यक्ति द्वारा मोबाइल से पीड़ित से संपर्क कर खुद को ‘आई ग्लोबल केपीओ कंपनी’ (I GLOBAL KPO COMPANY) से जुड़ा अधिकारी बताया गया और ऑनलाइन जॉब से लाभ कमाने की बात कहते हुए टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ा गया। ग्रुप में अलग-अलग कंपनियों के नाम के लिंक भेजकर रेटिंग करने आदि संबंधी टास्क देकर अलग-अलग तारीखों में अलग-अलग लेन देन के माध्यम से कुल 14 लाख रुपये ठग लिए गए। पीड़ित की तहरीर के आधार अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है। इसके बाद मुकदमे में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए टीम गठित की गई। घटना की जांच के बाद उत्तराखंड एसटीएफ ने आरोपी रितिक सेन निवासी जयपुर, राजस्थान को जयपुर से ही गिरफ्तार किया गया।

एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि आरोपियों द्वारा फर्जी वेबसाइट तैयार कर खुद को ‘आई ग्लोबल केपीओ कंपनी’ का कर्मचारी और अधिकारी बताते हुए ऑनलाइन जॉब कर लाभ कमाने की बात कहते हुए ठगी की जा रही थी। ठगी द्वारा रुपयों को अलग-अलग बैंक खातों से प्राप्त किया जाता है। इसके लिए आरोपी फर्जी सिम और आईडी का प्रयोग करते हैं। आरोपियों द्वारा अलग-अलग मोबाइल हैंडसेट, सिम कार्ड और फर्जी बैंक खातों का प्रयोग किया जाता है। एसटीएफ की टीम द्वारा सभी वित्तीय पहलुओं की जांच करने कर यह पाया गया कि पूरे भारत में कुल 19 करोड़ रुपये की विवादित राशि एकत्र की गई है। गिरफ्तार आरोपी के खिलाफ पूरे भारत में 33 साइबर शिकायतें दर्ज हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *