डिफाल्टर घोषित करने के बाद भी जारी रहा संचालन, 4 साल बाद संचालक गिरफ्तार

  • 88 छात्रों को करा दिया फर्जी पैरामेडिकल कोर्स, 58 को बांट दी डिग्री,

हल्द्वानी। नैनीताल में एक इंस्टीट्यूट द्वारा 58 छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया गया है। काठगोदाम थाना क्षेत्र अंतर्गत एक इंस्टीट्यूट ने 58 छात्रों को पैरामेडिकल डिप्लोमा की फर्जी डिग्रियां दे दी। मामले का खुलासा हुआ तो पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पैरामेडिकल का फर्जी डिप्लोमा देने वाले संचालक को गिरफ्तार किया।
नैनीताल एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि डीपीएमआई नाम से काठगोदाम थाना क्षेत्र अंतर्गत इंस्टीट्यूट है। इंस्टीट्यूट के संचालक प्रकाश मेहरा ने साल 2018 से अब तक 58 छात्र-छात्राओं को फर्जी डिग्रियां दी। जिसकी शिकायत छात्रों द्वारा की गई। पुलिस ने आज इंस्टीट्यूट के संचालक प्रकाश मेहरा को गिरफ्तार कर लिया है। न्यायालय के समक्ष पेश करने की तैयारी की जा रही है। पुलिस पूरे मामले की गहनता से जांच भी कर रही है। एसएसपी ने बताया कि डीपीएमआई के 2019 बेच के छात्र हिमांशु नेगी पुत्र गोपाल सिंह नेगी निवासी मुखानी हल्द्वानी ने 11 अक्टूबर 2023 को तहरीर दी कि डीपीएमआई काठगोदाम के एमडी डॉ। प्रकाश सिंह मेहरा, प्रधानाचार्य डी पल्लवी मेहरा और तनुजा गंगोला (रिसेप्शनिस्ट) ने फर्जी डिग्रियां देकर लाखों रुपये हड़प लिए हैं। पुलिस ने पूरे मामले में डॉ. प्रकाश सिंह मेहरा, डॉ. पल्लवी मेहरा, तनुजा गगोला पर मुकदमा दर्ज किया।
पुलिस के खुलासे में आरोपी प्रकाश मेहरा ने बताया कि इंस्टीट्यूट के लिए 2018 में उन्होंने डीपीएमआई दिल्ली (मेन इंस्टीट्यूट) से फ्रेंचाइजी ली और पूर्वी खेड़ा गौलापार में डीपीएमआई काठगोदाम कॉलेज का संचालन शुरू किया। पैरामेडिकल के विभिन्न कोर्स शुरू किए। लेकिन 2019 में दिल्ली इंस्टीट्यूट ने आरोपी के इंस्टीट्यूट को सहयोग करने से इनकार कर दिया। पुलिस के जांच में पता चला कॉलेज द्वारा 2018 के 8 छात्र-छात्राओं, वर्ष 2019 के 37 और वर्ष 2020 के 21 छात्र छात्राओं को पैरामेडिकल कोर्स का डिप्लोमा दिया गया। जबकि वर्ष 2021 के 30 छात्र-छात्राओं को डिप्लोमा देना शेष है। पुलिस के जांच में पता चला कि वर्ष 2018 में 8 छात्रों को डिग्री दी गई जो सही है। लेकिन 2019 के बाद की 58 डिग्री पूरी तरह से फर्जी है।
पुलिस के मुताबिक डीपीएमआई दिल्ली ने वर्ष 2019 में फ्रेंचाइजी को डिफाल्टर घोषित करते हुए कार्यक्रम को बंद कर दिया गया था। लेकिन संचालक द्वारा फर्जी तरीके से छात्रों का एडमिशन किया गया और डिग्री दी जा रही थी। पूरे मामले में एमडी डॉक्टर प्रकाश मेहरा निवासी काठगोदाम को गिरफ्तार करते हुए कोर्ट में पेश किया गया है। साथ ही फर्जीवाड़े में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ भी आगे की कार्रवाई की जा रही है। बताया जा रहा है कि डिप्लोमा कोर्स के लिए एक छात्र से करीब एक लाख रुपए लिए गए थे।

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