दून के अनुराग चौहान को मिला महात्मा पुरस्कार 2021

देहरादून। देहरादून के सामाजिक कार्यकर्ता अनुराग चौहान को आज सामाजिक प्रभाव पहल के तहत प्रतिष्ठित महात्मा पुरस्कार 2021 से सम्मानित किया गया। अनुराग को यह पुरस्कार नई दिल्ली में स्तिथ इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में डॉ. किरण बेदी व भारत के सीएसआर मैन अमित सचदेवा की ओर से प्रदान किया गया। अनुराग चौहान को यह पुरस्कार वॉश प्रोजेक्ट – वूमेन, सैनिटेशन, हाइजीन के लिए प्रदान किया गया, जो कि 27 वर्षीय अनुराग की ओर से स्थापित संस्था हुमंस फॉर ह्यूमैनिटी का एक पायलट प्रोजेक्ट है। इससे पहले वॉश परियोजना को यूनाइटेड नेशंस, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार, यूनिसेफ, इंडियन कौंसिल फॉर यूएन रिलेशन्स, दिल्ली सरकार, व कई अन्य संस्थाओं की ओर से सम्मानित किया जा चुका है। अनुराग एक युवा सामाजिक उद्यमी हैं, जो 14 साल की छोटी सी उम्र से ही विभिन्न सामाजिक पहलों पर बड़े पैमाने पर काम कर रहे हैं। वह एक साहित्यिक और कला इम्प्रेसारियो हैं, जो भारतीय विरासत की बुनाई और वस्त्रों के अम्बस्सडोर हैं। वह मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन के क्षेत्र में अपने काम के लिए व्यापक रूप से जाने जाते हैं, और लोकप्रिय रूप से वर्जनाओं को तोड़ने, जागरूकता फैलाने और देश भर में व्यापक कार्यशालाओं का संचालन करने के लिए पैडमैन और पैड योद्धा के नाम से भी जाने जाते हैं। अनुराग ने वॉश प्रोजेक्ट – वूमेन, सैनिटेशन, हाइजीन की शुरुआत वर्ष 2015 में करी। यह प्रोजेक्ट महिलाओं को मासिक धर्म स्वच्छता, पोषण, मानसिक स्वास्थ्य, रजोनिवृत्ति के बारे में शिक्षित करने, उन्हें सैनिटरी नैपकिन प्रदान करने और उन्हें बायो-डिग्रेडेबल सैनिटरी नैपकिन बनाने का प्रशिक्षण देने की दिशा में काम करता है। इस प्रोजेक्ट को अभिनेत्री ट्विंकल खन्ना वे कई अन्य जानी मानी हस्तियों का समर्थन मिला है। अनुराग देश भर के कई गांवों, झुग्गी बस्तियों, सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में इस कार्यक्रम का संचालन करते हैं। उनका संगठन पैड बनाने के सत्रों के साथ मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन कार्यशालाओं का आयोजन करता है और भारत में 20 लाख से अधिक महिलाओं तक पहुँच चूका है। अनुराग कहते हैं, अगर हम महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए जरा भी कुछ करना चाहते हैं, तो हमें पहले उनकी सुरक्षा पर धयान देने की जरूरत है। एक अध्ययन से पता चला है कि खराब मासिक धर्म स्वच्छता दुनिया में महिलाओं की मृत्यु का पांचवा सबसे बड़ा कारण बन गया है। वॉश परियोजना पिछले छह वर्षों में पूरे देश में 25 लाख से अधिक महिलाओं तक पहुंच गई है। महामारी के दौरान, अनुराग देश के विभिन्न हिस्सों में 8000 से अधिक परिवारों को 1.5 वर्षों से अधिक समय से सहायता और आवश्यक सहायता प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने विभिन्न समुदायों, निम्न-आय वर्ग के परिवारों, दैनिक वेतन भोगी लोगों जिन्होंने कोविड महामारी के दौरान अपनी नौकरी खो दी, ट्रांसमेन, विधवाओं, नौकरानियों, आदि की सहायता में कोई कसर नहीं छोड़ी है। हुमंस फॉर ह्यूमैनिटी ने विभिन्न समुदायों के उत्थान और सशक्तीकरण के लिए रोजगार सृजन कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिससे वे महामारी के दौरान भी आर्थिक रूप से स्थिर और स्वतंत्र बन सकें। सामाजिक प्रभाव लीडर्स और समाज में परिवर्तन लाने वालों के लिए महात्मा पुरस्कार विश्व का सर्वोच्च सम्मान है। इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के कुछ पूर्व विजेताओं में रतन टाटा, शबाना आजमी, अजीम प्रेमजी, मनीष सिसोदिया, आदि शामिल हैं।

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