अग्निपथ योजना को लेकर विपक्ष ने सदन में किया जमकर हंगामा

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा सत्र के चैथे दिन सदन में अग्निपथ योजना को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। विपक्ष ने सदन में अग्निवीर को वापस लेने के नारे लगाए। विपक्ष ने वेल में बजट की कॉपी फाड़कर लहराई। इसके बाद विपक्ष ने सदन से वाकआउट किया।
विधानसभा का चार दिवसीय बजट सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया है। विधानसभा सत्र के दौरान प्रदेश में बिजली संकट का मुद्दा भी गरमाया। कांग्रेस विधानमंडल उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने कहा कि प्रदेश में भारी बिजली संकट है। अघोषित कटौती है। जल विद्युत परियोजनाएं लंबित हैं। सरकार महंगी बिजली खरीद रही है, लेकिन सरकार जल विद्युत परियोजनाओं को बजट देने को तैयार नहीं। सरकार सौर ऊर्जा के प्रोजेक्ट के लिए लोगों को जमीन उपलब्ध कराए। वहीं सुमित ह्रदयेश ने कहा कि बंजर जमीनों पर सरकार सौर ऊर्जा पार्क विकसित कराए।
विधायक रवि बहादुर ने कहा कि आज कोरिया हायड्रोजन कार चला रहा है। इजरायल अपनी लैब में पानी बना रहा है और हमारे प्रदेश में अघोषित विद्युत कटौती निंदनीय है। ग्रामीणों को 8 से 10 घंटे कटौती का सामना करना पड़ा। अघोषित कटौती 8 से 10 घंटे की गई। डेड लाइन चल रही हैं। ज्वालापुर में 11 केवी की डेडलाइन से 29 वर्ष का युवा झुलस गया। उन्होंने कहा कि इस पर जांच बैठाई जानी चाहिए कि इतनी कटौती क्यों हुई। अगर अधिकारी इस समस्या का समाधान नहीं कर सकते तो उन्हें इस कुर्सी पर बैठने का कोई हक नहीं है।
झबरेड़ा कांग्रेस विधायक वीरेंद्र कुमार ने कहा कि बिजली की यह किल्लत सरकार की अदूरदर्शिता का परिणाम है। अगर समय से कोई इंतजाम किए गए होते तो ये हालात न होते। बिजली विभाग में कर्मचारियों की भारी कमी है। लाइनमैन नहीं हैं। बिजलीघरों में सिटीजन चार्टर को चस्पा किया जाए ताकि उपभोक्ताओं को अपने अधिकार मिले। भगवानपुर कांग्रेस विधायक ममता राकेश ने यूपी में अच्छी बिजली आने की बात की तो सत्ता पक्ष ने कहा कि वहां भी भाजपा की ही सरकार है। इस पर सदन में ठहाके गूंजने लगे। ममता राकेश ने कहा कि बिजली की भारी कटौती हो रही है। यह पूरे प्रदेश का विषय है। बिजली न आने की वजह से किसान सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं। नए कनेक्शन लेने में महीनों का समय लग जाता है। ट्रांसफार्मर फुंकने के बाद नहीं दिया जाता। लाइनमैन नहीं है। आउटसोर्सिंग से लाइनमैन रखे गए हैं।
संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि इंटरनेशनल बाजार में कोयले और गैस की कमी के कारण विद्युत उत्पादन प्रभावित हुआ। जिससे हम भी प्रभावित हुए। कोरोना काल के बाद बिजली की भारी मांग आई। रूस यूक्रेन युद्ध की वजह से गैस की किल्लत हुई। प्रदेश के गैस आधारित संयत्र से भी बिजली नहीं बन पा रही। करीब 7 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं हो पा रहा है। अप्रैल में भारी मांग के बीच मेघालय, बोंगाईगांव से और आंध्र प्रदेश से भी राज्य सरकार के प्रयास से बिजली उपलब्ध कराई गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *