साेनू उनियाल@
जोशीमठ। जोशीमठ विकासखंड के डुमक गांव आजादी के 73 साल बाद भी सड़क से नहीं जुड़ पाया। जिसका खामियाजा ग्रामीण आज तक भुगत रहे है। बुधवार को डूमक गांव की हरकी देवी उम्र 55 वर्ष की अचानक तबीयत बिगड़ गई जिसके बाद ग्रामीणों ने डंडी कंडी के सहारे कई किलोमीटर पैदल सड़क तक पहुंचाया। जिसके बाद हरकी देवी को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय गोपेश्वर ले जाया गया।अब प्रश्न यह उठता है कि आखिर कब तक ग्रामीण बिना सड़क के ऐसे ही डंडी कंडी के सहारे मरीजों को ले जाते रहेंगे। हालाकि डुमक गांव तक सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है। लेकिन कब तक सड़क गांव तक पहुंचेगी ये बोल पाना अभी जल्दबाजी होगी। ग्रामीण कई बार सड़क निर्माण के लिए आंदोलन कर चुके है लेकिन अभी तक सड़क नहीं पहुंच पाई है।
क्या कहते है बद्रीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट
सड़क निर्माण का कार्य जारी है जल्द ही डूमक गांव सड़क से जुड़ जाएगा। जिससे लोगों की परेशानियां दूर होंगे
क्या कहते हैं ग्राम प्रधान
डूमक गांव के ग्राम प्रधान वाई एस सनवाल का कहना है कि आजादी के 73 साल बीत जाने के बाद भी आज तक यहां सड़क नहीं पहुंच पाई है। कई बार जन प्रतिनिधि भी आश्वासन जरूर देने आए लेकिन आज तक गांव तक सड़क नहीं पहुंची जिसका खामियाजा ग्रामीण आज तक भुगत रहे है। अब जाकर सड़क का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन सड़क निर्माण का कार्य बहुत धीमी गति के हो रहा है। आखिर कब तक ग्रामीण बीमार लोगो को उपचार लिए डंडी कंडी के सहारे पैदल ले जाते रहेंगे।
दुखद, राज्य बने 20 साल हो गए हैं लेकिन पर्वतीय इलाकों की स्वास्थ्य सेवाएं ढर्रे पर नही आ पाई। इसमे सरकारों का फेलियर है।