लकड़ी के पुल के सहारे कई गांवों के ग्रामीण

  • एक दशक बाद भी नहीं बना निर्माणाधीन जखोल-लिवाड़ी मोटरमार्ग,

उत्तरकाशी। निर्माणाधीन जखोल लिवाड़ी मोटरमार्ग का एक दशक बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। मोटरमार्ग नहीं बनने से लिवाड़ी, फिताड़ी, रेक्चा, कासला एवं हरिपुर गांव के ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, इस मोटर मार्ग पर खेड़ा घाटी में लकड़ी के बने पुल से क्षेत्र के लोग जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर हैं।
विकासखंड मोरी के गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए वर्ष 2013 में जखोल लिवाड़ी मोटरमार्ग का निर्माण शुरू हुआ था, लेकिन 20 किमी लंबे मोटर मार्ग का निर्माण कार्य एक दशक बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। यहां प्रथम फेज में 17 किमी कासला तक कटिंग का कार्य पीएमजीएसवाई ने किया है। अब 3 किमी आगे लिवाड़ी गांव तक कटिंग का कार्य और पूरे मोटर मार्ग पर डामरीकरण कार्य वेबकोस संस्था द्वारा किया जा रहा है। सड़क निर्माण का जिम्मा वेबकोस संस्था को नवंबर 2018 में दी गई थी, लेकिन साढ़े तीन साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी वेबकोस संस्था शेष 3 किमी मोटर मार्ग का कटिंग कार्य भी पूर्ण नहीं कर पाई है। वहीं, इसी मोटर मार्ग पर खेड़ा घाटी में पुल निर्माण कार्य भी कछुआ गति से चल रहा है। जिससे ग्रामीण लकड़ी के पुल पर जान जोखिम में डाल कर आवाजाही को मजबूर हैं। हरिपुर के पूर्व प्रधान प्रह्लाद सिंह रावत ने बताया कि सड़क कटिंग का कार्य अभी तक पूरा नहीं किया गया है और ना ही यहां अभी तक पुलों का निर्माण किया गया है। उन्होंने संस्था की कार्य प्रणाली प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि कार्यदायी संस्था पीएमजीएसवाई के समय के ठेकेदार से ही निर्माण कार्य करवा रही है। विभाग तो बदल दिए गए हैं, लेकिन ठेकेदार वही हैं। पूर्व प्रधान रावत ने सीएम को पत्र भेज मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। अधिशासी अभियंता एसके कुकरेती ने कहा शेष तीन किमी सड़क का कटिंग कार्य कठोर चट्टान (हार्ड रॉक) आने से प्रभावित हुआ है। करीब डेढ़ किमी के दायरे में कठोर चट्टान हैं। वहीं, खेड़ा घाटी में पुल निर्माण के लिए एक एबेटमेंट का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। दूसरे एबेटमेंट का निर्माण कार्य चल रहा है। जल्द मोटर मार्ग का निर्माण कार्य पूरा कर लिए जाएगा।

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