देहरादून। योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया के 5/5 चंदर रोड डालनवाला स्थित ध्यान केंद्र में दो दिन के विशेष आध्यामिक शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में साधकों को योगदा की ध्यान प्रविधियों की जानकारी देने और उसका पुनरावलोकन करने के लिए योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया के रांची आश्रम से आए स्वामी स्वरूपानंद और ब्रह्मचारी गौतमा नंद ने प्रतिभागियों को सामूहिक और व्यक्तिगत रूप प्रशिक्षित किया। शिविर में योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया के 110 से अधिक साधकों ने भाग लिया। जिसमें देहरादून के अतिरिक्त हरिद्वार, चंडीगढ़, शिमला, कुरुक्षेत्र, रुड़की, ऋषिकेश, सहारनपुर, मुज्जफरनगर, दिल्ली के साथ ही ऑस्ट्रेलिया के मेलबोर्न से आए साधकों ने उत्साह पूर्वक भाग लेकर शांति और आनंद के भाव को प्राप्त किया। विश्व भर में सबसे अधिक बिकने वाली आध्यात्मिक पुस्तक “ऑटोबायोग्राफी ऑफ़ ए योगी ” ( हिंदी में योगी कथामृत)के लेखक परमहंस योगानंद जी द्वारा बतायी गई घ्यान की विधियों और शक्ति संचार व्यायाम का अभ्यास करवाया गया । साथ में इनकी विस्तार से जानकारी भी दी गई। श्रीमद भगवद्गीता में जिस “क्रिया योग “का उल्लेख किया गया है , परमहंस योगानंद ने उसका प्रचार पूरे विश्व में किया । इस “क्रियायोग” के बारे में भी साधकों को जानकारी दी गई। क्रियायोग के अभ्यास से आज के आपाधापी, अति व्यस्त व तनावपूर्ण वातावरण में व्यक्ति में शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक समभाव उत्पन्न होता है। इससे आध्यात्मिक और भौतिक उन्नति संभव है। आज के इस वैज्ञानिक युग में क्रिया योग आध्यात्मिक शांति का उन्नत मार्ग प्रशस्त करता है । हमारी सोई हुई चेतना को जागृत करने में दिशा निर्देश की प्राप्ति होती है । मानव हित और विश्व हित के लिए एक सकारात्मक दृष्टिकोण का संदेश देता है । शिविर के अंत में देश और विश्व में शांति, भाईचारा, आपसी सहयोग और शांति के मार्ग बनाए रखने के लिए योगदा की विशेष प्रार्थना भी की गई।