रूदप्रयाग। केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के साथ किसी प्रकार से कोई पशु क्रूरता न हो तथा बीमार एवं कमजोर घोड़े-खच्चरों का संचालन यात्रा मार्ग में किसी भी दशा में न हो तथा घोड़े-खच्चरों को गरम पानी उपलब्ध कराने एवं उनकी निरंतर निगरानी करने के लिए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित द्वारा इस संबंध में पूर्व में ही पशुपालन विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ. आशीष रावत ने अवगत कराया है कि जिलाधिकारी के निर्देशन में यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के साथ किसी प्रकार से कोई पशु क्रूरता न हो उसकी निगरानी के लिए 30 सदस्यीय म्यूल टास्क फोर्स तैनात की गई है तथा घोड़े-खच्चरों चिकित्सा सुविधा हेतु 7 पशु चिकित्सकों एवं 6 पैरावेट की तैनाती की गई है। यात्रा मार्ग में घोड़े-खच्चरों को गरम पानी उपलब्ध कराए जाने के लिए 18 स्थानों पर घोड़े-खच्चरों के लिए गीजर युक्त गरम पानी की चरहियों का निर्माण किया गया है जिसकी देखरेख विभिन्न चरियों पर तैनात म्यूल टास्क फोर्स द्वारा की जा रही है।
उन्होंने अवगत कराया है कि घोड़े-खच्चरों को चिकित्सा उपचार हेतु 4 स्थानों में अस्थाई पशु चिकित्सालय बनाए गए हैं जिनमें सोनप्रयाग, गौरीकुंड, बड़ी लिनचोली तथा केदारनाथ रुद्रा प्वाइंट पर एमआरपी बनाई गई है जिनमें तैनात डाॅक्टरों एवं पैरावेटों द्वारा घायल व बीमार घोड़े-खच्चरों का निरंतर स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार किया जा रहा है। जिसमें 09 मई, 2023 तक सोनप्रयाग में 60, गौरीकुंड में 310, लिनचोली में 66 एवं केदारनाथ में 45 घोड़े-खच्चरों का उपचार किया गया है। साथ ही कैंपों एवं यात्रा मार्ग पर कुल 8320 घोड़े-खच्चरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। पशु चिकित्सकों द्वारा 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात रहते हुए पशुओं का उपचार किया जा रहा है उन्होंने यह भी अवगत कराया है कि जिलाधिकारी के निर्देशन में इस यात्रा में गरम पानी सहित घोड़े-खच्चरों की देखभाल हेतु उचित प्रबंधन किया गया है, जिसमें यात्रा संचालन हेतु 441 घोड़े-खच्चर अयोग्य पाए गए हैं। साथ ही स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान अयोग्य, बिना रजिस्ट्रेशन, बिना लाईसेंस व बिना यात्रा पर्ची के पाए गए घोड़े-खच्चरों के मालिकों का चालान भी किया गया है जिसमें 09 मई, 2023 तक 123 घोड़े-खच्चर मालिकों का विभाग द्वारा चालान किया गया है तथा यात्रा मार्ग में सवारी के साथ चलने वाले लंगडे़ एवं बीमार घोड़े-खच्चरों के मालिकों के विरुद्ध पशु क्रूरता अधिनियम के तहत 3 व्यक्तियों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।