हरिद्वार/देहरादून। वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी तथा उत्तराखण्ड महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी का अन्तिम संस्कार बुधवार को खड़खड़ी शमशान घाट पर ‘‘जब तक सूरज चांद रहेगा, बलूनी तेरा नाम रहेगा‘‘, के बीच किया गया। राज्य निर्माण आन्दोलनकारी सुशीला बलूनी को मुखाग्नि उनके सुपुत्रों विनय बलूनी, संजय बलूनी तथा विजय बलूनी ने दी।
उनकी अंतिम विदाई में विधायक, मंत्री सहित सैकड़ों लोग शामिल हुए। इस दौरान हर किसी की आंखें नम हो गई। अंत्येष्टि से पूर्व हरिद्वार के एडीएम पी एल साह, एसडीएम पूरन सिंह राणा नगर विधायक मदन कौशिक और रविंद्र जुगराज समेत अनेक राज्य आंदोलनकारियों ने सुशीला बलूनी को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। सुशीला बलूनी को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी सुबह बलूनी के डोभालवाला स्थिति आवास पर जाकर उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पृथक उत्तराखंड के निर्माण में सुशीला बलूनी के योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। उनका जनसंघर्ष प्रेरणा बनेगा और योगदान हमेशा प्रदेश के लोगों को हमेशा याद रहेगा। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने भी सुशीला बलूनी को श्रद्धांजलि दी। लम्बे समय से अस्वस्थ चल रही सुशीला बलूनी ने 9 मई की शाम को देहरादून के मैक्स अस्पताल में अन्तिम सांस ली। अन्तिम विदाई पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि देने वालों में विधायक हरिद्वार मदन कौशिक, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) पी0एल0 शाह, एसडीएम पूरण सिंह राणा, विकास तिवारी, रविन्द्र जुगरान, भावना पाण्डे, त्रिलोचन भट्ट, हर्ष प्रकाश काला, सतीश जोशी, मुकेश जोशी, प्रमोद डोभाल, प्रेम पंचोली, त्रिवेन्द्र सिंह पंवार सहित बड़ी संख्या में राज्य आन्दोलनकारी तथा जनता जनार्दन आदि मौजूद थे।