चंडीगढ़ । पंजाब कांग्रेस में चल रहे घमासान के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई है। चन्नी कैबिनेट की मीटिंग पहले 1 अक्टूबर को होनी थी लेकिन पंजाब में जारी इस्तीफे और राजनितिक गतिविधियों को देखते हुए चन्नी ने आज ही बैठक बुलाई है। सूत्रों के मुताबिक फिलहाल कांग्रेस सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार नहीं करेगी और इस मामले में पार्टी वेट एंड वॉच की रणनीति अपनाएगी। इस संबंध में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने अपने ट्वीट में कहा है कि पंजाब में जो घटनाक्रम पिछले कुछ दिनों में घटा, वो दुर्भाग्यपूर्ण था। उन्होंने कहा है कि अगर पंजाब की अस्थिरता पर किसी को खुशी है तो वो पाकिस्तान को है। उनको लगता है कि पंजाब में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ती है तो उनको फिर अपने काले मंसूबों को अंजाम देने का एक और मौका मिलेगा।इससे पहले मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने इस्तीफा दे दिया था। वहीं सिद्धू के सर्मथन में कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना, परगट सिंह व पार्टी के कोषाध्यक्ष गुलजार इंदर चहल और महासचिव योगेंद्र ढींगरा ने भी इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफों के बाद सिद्धू के पटियाला स्थित आवास पर कांग्रेस के तमाम नेता सिद्धू से मिलने पहुंचे थे। वहीं नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने देर रात तक अपने मंत्रियों के साथ बैठक की, लेकिन कोई हल नहीं निकला। वह जल्द ही सिद्धू को मना लेंगे। उन्होंने कहा कि अगर सिद्धू नाराज हैं तो उनसे संपर्क किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, सिद्धू एक अच्छे नेता हैं। मुझे उनसे कोई शिकायत नहीं है। उल्लेखनीय है कि सिद्धू ने 18 जुलाई को नवजोत सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया था। सिद्धू ने सोनिया गांधी को लिखे अपने पत्र में कहा है कि मैं पंजाब के भविष्य से समझौता नहीं कर सकता। साथ ही पत्र में सिद्धू ने कहा कि वह कांग्रेस पार्टी के सदस्य बने रहेंगे।