देहरादून। महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने रविवार को ब्लड बैंक देवभूमि ब्लड सेंटर का फीता काटकर उद्घाटन किया। यहां उन्होंने ब्लड बैंक पट्ट का भी अनावरण किया। यह ब्लड बैंक ह्यूमन सर्विस डेवलपमेन्ट एसोसिएशन के द्वारा खोला गया है। इस अवसर पर भगत सिंह कोश्यारी ने ब्लड संेटर के भ्रमण के दौरान देवभूमि ब्लड सेंटर की पहल की सराहना की। ब्लड सेंटर का संचालन समाज के हित में निस्वार्थ भाव से देवभूमि ब्लड सेंटर परिवार करता रहेगा। उन्होंने कहा कि देवभूमि ब्लड सेंटर प्रारंभ होने से जरूरतमंद लोगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी। जरूरतमंदों को मुसीबत की घड़ी में जान बचाने के लिए रक्तदान जैसे पुनीत कार्य करना लोक कल्याणकारी कार्य है।
इस मौके पर कई लोगों ने रक्तदान भी किया।
उद्घाटन कार्यक्रम में विधायक उमेश शर्मा काऊ, रणवीर सिंह चैहान (मैनेजिंग डायरेक्टर पैनेसिया अस्पताल), शुभम चंदेल डायरेक्टर पैनेसिया हॉस्पिटल, ललित जोशी ( सीआईएमएस कॉलेज), आनंद अंथवाल, संजय रावत, चंदरपाल नेगी के साथ ही साथ देवभूमि ब्लड बैंक परिवार के लोग उपस्थित रहे। विधायक उमेश शर्मा काऊ ने कहा कि जनपद में ब्लड बैंक से जनपदवासियों को काफी लाभ मिलेगा। इस मौके पर उन्होनें ह्यूमन सर्विस डेवलपमेन्ट एसोसिएशन के इस प्रयास को सराहा और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि मरीजों के लिए खून की जरूरत पड़ने पर तीमारदारों को भटकना नहीं पड़ेगा। ब्लड बैंक के शुभारंभ पर ह्यूमन सर्विस डेवलपमेन्ट एसोसिएशन के चेयरमैन आनंद अंथवाल ने बताया यह रक्त बैंक हमारे सामुदायिक स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। रक्त दान मानवता की सबसे महान सेवाओं में से एक है। यह एक ऐसा कार्य है जो किसी की जिंदगी बचा सकता है। हमारे रक्त बैंक का उद्घाटन करते हुए मुझे गर्व है कि हम इस सेवा को और अधिक प्रभावी और सुलभ बना रहे हैं। रक्त की आवश्यकता कभी भी, कहीं भी हो सकती है। यह एक दुर्घटना का मामला हो, सर्जरी की आवश्यकता हो, या किसी गंभीर बीमारी का इलाज चल रहा हो, रक्त की आवश्यकता हर जगह और हर समय हो सकती है। यह रक्त बैंक सुनिश्चित करेगा कि हमारे पास आवश्यकतानुसार पर्याप्त मात्रा में रक्त उपलब्ध हो।
देवभूमि ब्लड बैंक के मैनेजमेंट डायरेक्टर संजय रावत ने कहा कि सभी लोगों को समय-समय पर ब्लड डोनेट करना चाहिए, जिससे दूसरे लोगों की जान बचाई जा सके. ब्लड बैंक में तमाम तरीके के ब्लड ग्रुप की व्यवस्था की जा रही है. इसके साथ ही ब्लड बैंक में कंपोनेंट ब्लड की व्यवस्था की गई हैं, जिससे आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल कर एक ब्लड यूनिट से चार कंपोनेंट बनाए जाते हैं।