गोपेश्वर।सिखों के तीर श्री हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकालीन अवकाश के लिए 10 अक्टूबर को दोपहर लगभग एक बजे बंद कर दिए गए हैं कपाट बंद होने की प्रक्रिया सुबह 10:00 बजे शुरू हुई श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के उपाध्यक्ष सरदार नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि प्रातः 10:00 बजे सुखमणि साहब का पाठ शुरू हुआ,जिसके बाद शब्द कीर्तन और वर्ष की अंतिम अरदास के बाद दोपहर लगभग एक बजे कपाट शीतकालीन अवकाश के लिए बंद कर दिए गए। कपाट बंद होते समय इस वर्ष लगभग 1800 तीर्थयात्री हेमकुंड में मौजूद रहे। गोविंदघाट गुरुद्वारा के प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि इस यात्रा वर्ष में जो कि मात्र 27 दिन चला लगभग 11 हजार तीर्थयात्रियों ने हेमकुंड साहिब में पहुंचकर मत्था टेका। बताया कि कपाट बंद होते समय प्रदेश एवं देश की सुख समृद्धि की मनौती मांगी।दोपहर 1:00 बजे वर्ष की अंतिम अरदास के साथ हेमकुंड साहिब के कपाट बंद कर दिए गए इससे पहले पंच प्यारों की अगुवाई में दरबार साहब से गुरु ग्रंथ साहब को सचखंड में शीतकालीन प्रवास के लिए रखा गया।कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष हेमकुण्ड साहिब की यात्रा महज 27 दिन ही चली। प्रातः 10:00 बजे सुखमणि पाठ के बाद, सवा ग्यारह बजे से सवा बारह बजे तक शबद-कीर्तन, ठीक 1 बजे हुक्मनामा और इसके उपरांत पवित्र गुरुग्रंथ साहिब की पंच प्यारों की अगुवाई में सतखण्ड में सुशोभित किया गया। लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी हुए बंद-प्राचीन चली आ रही वैदिक परंपरा के अनुसार हेमकुंड साहिब के कपाट बंद होने के दिन ही लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं। आज प्रातः 11:30 बजे विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद लोकपाल लक्ष्मण जी के मंदिर के कपाट भी शीतकालीन अवकाश के लिए बंद कर दिए गए हैं