-समय रहते जाग जाती सरकार तो नहीं जाती इतनी जानें, 2013 की आपदा से सरकार ने नहीं लिया कोई सबक
देहरादून। आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय भट्ट ने उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते बड़े पैमाने पर हुए जानमाल एवं संपत्ति के नुकसान के लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, पहले से ही भारी बारिश का अलर्ट जारी होने के बाद भी प्रदेश सरकार सोई रही। उन्होंने कहा यदि, समय रहते सरकार जाग जाती और बचाव एवं राहत को लेकर सख्त कदम उठाती तो भारी जानमाल के नुकसान को बचाया जा सकता था। उन्होंने आगे कहा कि रेड अलर्ट जारी होने के तत्काल बाद खतरे वाले स्थानों को चिन्हित कर लोगों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचाने का काम युद्धस्तर पर किया जाता, तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती थी, लेकिन ऐसा करने के बजाय सरकार पूरी तरह बेपरवाह रही और लोगों को अपने हाल पर छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि संकट की इस घडी में जब सरकार को जनता के जख्मों पर मरहम लगाना चाहिए था तो ऐसे समय में सरकार कहीं भी नजर नहीं आई और इस आपदा में सरकार का पूरा तंत्र फेल साबित हुआ। पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि मौसम विभाग द्वारा चार दिन पहले ही भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी कर दिया गया था। प्रदेश में 17 से 19 अक्टूबर तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी। लेकिन ‘गंभीर रेड अलर्ट’ को मुख्यमंत्री और प्रशासन ने गंभीरता से नहीं लिया जिस कारण कई लोग सरकार की लापरवाही से अकाल ही मौत के मुंह में समा गए। भट्ट ने कहा कि दो दिन की बारिश ने धामी सरकार की व्यवस्थाओं और आपदा से निपटने की तैयारियों की पोल खोल कर रख दी है। सरकार ने 2013 में आई आपदा से भी कोई सबक नहीं लिया। उन्होंने कहा कि सरकार के इस निकम्मेपन का खामियाजा न केवल उत्तराखंड की जनता ,बल्कि देश भर से चारधाम यात्रा पर आए लाखों तीर्थयात्रियों को भी भुगतना पड़ रहा है। लाखों की संख्या में तीर्थयात्री अलग-अलग जगहों पर फंसे हुए हैं। जिनके लिए सरकार द्वारा कोई भी उचित व्यवस्था नहीं की गई है। भारी बारिश के चलते जानमाल के साथ ही लोगों के घरों, खेत-खलिहानों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों एवं अन्य संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है। गढ़वाल से लेकर कुमाऊं मंडल के तमाम इलाके इस आपदा की चपेट में आए हैं। पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, नैनीताल, हल्द्वानी, बागेश्वर, पंतनगर, रामनगर से लेकर चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी और उत्तरकाशी तक बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग के साथ ही प्रदेशभर में 80 से ज्यादा सड़कें भारी बारिश से बंद पडी हुई हैं और ऐसे समय में सरकार नदारद है। भट्ट ने कहा कि भारी बारिश के चलते किसानों पर भी इसकी गहरी मार पड़ी है। छोटे काश्तकारों से लेकर बड़े किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। किसानों की समस्या को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली में प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये का मुआवजा देने का एलान किया है जो कि देश तमें अब तक का सबसे ज्यादा घोषित मुआवजा है। उत्तराखंड सरकार भी दिल्ली सरकार की तर्ज पर यहां के किसानों को हुए नुकसान पर उन्हें मुआवजा देने के साथ उनके ऋण और ब्याज माफ करे ताकि किसानों को थोडी राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि इस वक्त फसलों की कटाई का समय है और भारी बारिश से सभी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। अब ऐसे में अन्नदाता को संकट से उबारने के लिए सरकार को फौरी तौर उन्हें उचित मुआवजा देने की मांग आप पार्टी करती है। साथ ही उन्होंने खरीद केंद्रों में किसानों की पूरी फसल बिक्री सुनिश्चित करने की मांग भी की। भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड का किसान प्रदेश की रीढ़ है और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बिना समय गंवाए अन्नदाता के लिए राहत पैकेज जारी करना चाहिए।