देहरादून। आयुष्मान योजना एक बार फिर अधर में लटक गई है। कहने को तो इस योजना में निर्धन तबके के मरीजों को नि:शुल्क लाभ मिलना था, लेकिन बीते एक सप्ताह से सॉफ्टवेयर में खामी के चलते मरीजों का पंजीकरण ही नहीं हो पा रहा है। ऐसे में डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल में फाइलों का ढेर लग चुका है। प्रतिदिन आधा दर्जन पंजीकरण भी बमुश्किल हो रहे हैं। जो मरीज फ्री इलाज के चक्कर में अस्पतालों में भर्ती हैं, उन्हें भारी भरकम बिल चुकाने पड़ रहे हैं।
गरीब परिवारों के सदस्यों के लिए केंद्र सरकार की ओर से आयुष्मान भारत योजना शुरू की गई है। योजना के तहत लाभार्थियों का करीब 5 लाख रुपये का बीमा होना है। गंभीर बीमारी के इलाज के दौरान संबंधित मरीज को अस्पताल को कोई रकम नहीं चुकानी पड़ेगी, बल्कि संबंधित बीमा कंपनी उसके इलाज का खर्च उठाएगी।
इसके लिए हल्द्वानी एसटीएच में पंजीकरण प्रक्रिया चल रही है। योजना शुरू होने के कुछ दिनों तक आयुष्मान सॉफ्टवेयर के जरिए हर दिन 25 से 30 लोगों का पंजीकरण आराम से हो रहा था। लेकिन बीते एक सप्ताह से पूरे राज्यभर में आयुष्मान सॉफ्टवेयर गड़बड़ा गया है। लाभार्थी के वेरीफिकेशन के लिए बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन ही नहीं हो पा रहा है। इस प्रक्रिया के दौरान अक्सर सर्वर डाउन होने लगा है। पंजीकरण के लिए दूरदराज से पहुंच रहे मरीज दिनभर इंतजार कर रहे हैं।
सॉफ्टवेयर की खामियों की जानकारी एसटीएच प्रशासन द्वारा आयुष्मान योजना से जुड़े अफसरों को पूर्व में ही दी जा चुकी है। इतना ही नहीं, प्राचार्य और चिकित्सा अधीक्षक स्तर से भी पत्राचार किया जा चुका है, लेकिन कोई राहत नहीं मिली है।
एक्स्ट्रा ड्यूटी करने को मजबूर कर्मचारी
पंजीकरण की धीमी गति और सॉफ्टवेयर की दिक्कत के कारण एसटीएच के कर्मचारी भी खासा परेशान हैं। इन खामियों को दूर करने के लिए कर्मचारी अपने स्तर से भी जुटे हुए हैं। दिनभर ड्यूटी के अलावा फाइलें जल्द निपटाने के लिए रात को भी ड्यूटी करनी पड़ रही है।