शिमला। हिमाचल प्रदेश के कई ट्रैकिंग रूटों पर अब अगले सीजन से बिना पंजीकरण के ट्रैकर नहीं जा सकेंगे। प्रदेश सरकार इसके लिए एक वेब पोर्टल तैयार करने जा रही है। जिसमें ट्रैकिंग करने के इच्छुक लोगों को पंजीकरण कराना होगा। बिना अनुमति के ट्रैकिंग नहीं करने दी जाएगी। अनुमति पत्र की प्रतियां जिला प्रशासन, स्थानीय पुलिस, पर्यटन विभाग के अलावा वन विभाग के अधिकारियों को भी जाया करेंगी। मुख्य सचिव राम सुभग सिंह की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया है। छितकुल में सात ट्रैकरों की मौत और दो के लापता होने के बाद सचिवालय में हुई इस बैठक में सीएस के अलावा डीजीपी संजय कुंडू, डीसी लाहौल स्पीति, कुल्लू और किन्नौर के अलावा आईटीबीपी के अधिकारी मौजूद थे। इस बैठक में तय हुआ कि अगले साल 15 सितंबर के बाद से पूरे विंटर सीजन में ट्रैकिंग पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी जाया करेगी। इसके अलावा सभी ट्रैकों को ऊंचाई के अनुसार रेड, ऑरेंज और ग्रीन श्रेणी में बांटकर अनुमति देने के समय गाइड और उपकरणों से संबंधित जरूरी शर्तें भी लगाई जाएंगी ताकि छितकुल, पिन पार्वती जैसी बहुत ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाने वाले ट्रैकरों की निगरानी की जा सके। इस कवायद के बाद आपदा प्रबंधन और आईटी विभाग ने इस संबंध में कवायद भी शुरू कर दी है। सूत्रों का कहना है कि पंद्रह अप्रैल के बाद से ट्रैकिंग को इसी पोर्टल के जरिये रेगुलेट किया जाएगा ताकि भविष्य में लोगों की जान न जाए।