- चिकित्सक भावनात्मक संवेदनाओं के साथ जुडकर करें मरीजों का उपचार
- आम लोगों तक बेहत्तर स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाना सरकार का लक्ष्यः डॉ. धनसिंह रावत
- तीन वरिष्ठ चिकित्सा विज्ञानियों को दी गई ‘डॉक्टर ऑफ साइंस’ की मानद उपाधि
- एचएनबी उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय का चतुर्थ दीक्षांत समारोह
देहरादून। हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं उत्तराखंड राज्यपाल ले.ज. (अ.प्र.) गुरमीत सिंह ने कहा कि कोरोना काल में चिकित्सा पेशे से जुड़े देशभर के हेल्थ वर्कर्स ने हेल्थ वरियर्स की तरह काम किया। उन्होंने अपनी जान की परवाह किये बिना प्रत्येक कोरोना संक्रमित मरीजों को बेहत्तर से बेहत्तर उपचार दिया। इसके लिए चिकित्सा सेवा क्षेत्र से जुड़े सभी चिकित्सा विज्ञानी, डॉक्टर्स, फार्मासिस्ट, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टॉफ बधाई के पात्र हैं। विश्वविद्यालय द्वारा दीक्षांत समारोह में चिकित्सा के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वाले तीन वरिष्ठ चिकित्सा विज्ञानियों पद्मश्री प्रो. जे.एस. तितियाल, डॉ. जुगल किशोर शर्मा एवं प्रोफेसर ए.बी.पंत को डॉक्टर ऑफ सांइस की मानद उपाधि प्रदान की गई। समारोह में कुल 1141 छात्र-छात्राओं को विभिन्न विषयों में उपाधि प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि एक कुशल चिकित्सक का ध्येय देश एवं प्रदेश के आखिरी छोर पर बसे व्यक्ति तक बेहत्तर चिकित्सा सुविधा प्रदान करना होना चाहिए। तभी हम आम लोगों को उनकी जरूरतों के अनुसार चिकित्सा सुविधा मुहैया करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि चिकत्सक व पैरामेडिकल स्टॉफ अपने मरीजों के साथ भावनात्मक रूप से जुड़कर उपचार करेंगे तो उन्हें निश्चित रूप से शत-प्रतिशत सफलता हासिल होगी। कोरोना काल में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े कार्मिकों के योगदान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह से आर्मी देश की सीमाओं पर अपनी जान की परवाह किये बगैर दुश्मनों का मुकाबला कर सफलता हासिल करती है उसी प्रकार हेल्थ वर्कर्स ने भी कोरोना की जंग में हेल्थ वरियर्स की तरह काम कर लाखों लोगों की जान बचाई है। विश्वविद्यालय के कार्यों की सराहना करते हुए कुलाधिपति एवं राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा रायपुर स्थित चिकित्सालय एवं सोड़ा सरोली गांव को गोद लेकर स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में जो सहयोग दिया जा रहा है वह सराहनीय है। इस कार्य के लिए उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर हेम चंद्र व उनकी टीम को बधाई दी। राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में मेडिकल उपाधि प्राप्त करने वाले युवा चिकित्सकों एव पैरामेडिकल उपाधि धारकों को बधाई देते हुए कहा कि वह अपने-अपने क्षेत्रों में पूरे जज्बे एवं सेवाभाव के साथ कार्य करें तभी उनकी दीक्षा सार्थक होगी।
दीक्षांत समारोह में प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विश्वविद्यालय के पदक विजेता छात्र-छात्राओं एवं मानद उपाधि प्राप्त चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों को शुभकामनाएं दी। डॉ. रावत ने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में हमारे डॉक्टरों, फार्मासिस्ट, नर्सिंग/पैरामेडिकल स्टॉफ, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता कर्मियों द्वारा कोरोना वायरस से राज्य को उभारने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है बल्कि इसके खिलाफ अब और मजबूती से लड़ना होगा। इसके लिए सरकार ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा राज्यभर में 37 जॉच लैबों को स्थापित किया गया है। जिसमें 11 सरकारी एवं 26 निजी लैब है। इसके अलावा महामारी से लड़ने के लिए 31 हजार से अधिक आईसोलेशन बैड, 1655 आईसीयू एवं 1016 वैंटिलेटर तैयार हैं। सभी पीएचसी, सीएचसी और प्रमुख हेल्थ व वैलनेस सेंटरों पर आक्सीजन की व्यवस्था कर दी गई है। इसके अलावा 2097 अक्सीजन बेड, 475 एनआईसीयू एवं 465 पीआईसीयू बच्चों के लिए क्रियाशील बना दिये गये हैं। डॉ. रावत ने सभी मेडिकल उपाधि धारकों से आह्वान किया कि वह कोरोना टीकाकरण के लिए लोगों को प्रेरित करें ताकि 30 दिसम्बर तक प्रदेश में शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को लगातार मजबूत कर रही है। इसके तहत राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की नियुक्ति के साथ ही एमआरआई मशीनें एवं प्रमुख चिकित्सालयों में सीटी स्कैन सहित अन्य चिकित्सा उपकरण स्थापित करने की स्वीकृति दे दी गई है। आयुष्मान कार्ड एवं गोल्डन कार्ड में आ रही दिक्कतों को दूर कर दिया है। डायलिसिस के मरीजों का अब जिला चिकित्सालयों में निःशुल्क में डायलिसिस किया जायेगा, मोतिया बिंद के मरीजों का भी मुफ्त में ऑपरेशन कर निःशुल्क चश्में उपलब्ध कराये जा रहे हैं। खुशियों की सवारी योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को घर से अस्पताल और अस्पताल से घर तक पहुंचाने की निःशुल्क सुविधा दी जा रही है। सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर घायलों को हायर सेंटर रैफर करने के लिए सरकार द्वारा निःशुल्क एयर एम्बुलेंस की सुविधा दी जा रही है। सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा डॉ. पंकज पाण्डेय ने उपाधि हासिल करने वाले चिकित्साकों को बधाई देते हुए अपने कार्यों में निपुणता लाने व जन सेवा की भावना के साथ पूरे मनोयोग से कार्य करने की सलाह दी।
समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर हेम चन्द ने विश्वविद्यालय की प्रगति रिपोर्ट पढ़कर विश्वविद्यालय में संचालित गतिविधियों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने विश्वविद्यालय की भविष्य की योजनाओं के बारे में भी बताया। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक एवं कुलसचिव प्रोफेसर विजय जुयाल ने मेडिकल एवं पैरामेडिकल के कुल 1141 उपाधि धारक छात्र-छात्राओं को उपाधि ग्रहण करने हेतु आमंत्रित किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षा परिषद एवं कार्य परिषद के सदस्यों ने मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों के साथ दीक्षांत परेड में प्रतिभाग किया। समारोह में भरसार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ए.के. कर्नाटक, दून विवि की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल, हिमालयन विवि के कुलपति डॉ. विजय धस्माना, दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना सहित मेडिकल कॉलेज की फैकल्टी ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का संचालन दून विश्वविद्यालय के डीन प्रो. एच.सी. पुरोहित ने किया।