- मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, संसदीय कार्यमंत्री सहित विधानसभा के सभी सदस्यों ने श्रद्धा सुमन किए अर्पित
- दून में बन रहे सैन्य धाम के मुख्य द्वार का नाम जनरल रावत के नाम पर रखने का प्रस्ताव रखा
देहरादून। उत्तराखण्ड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित सभी सदस्यों ने दिवंगत सीडीएस जनरल रावत व शहीद हुए अन्य 11 सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। सदन में हर किसी ने अपनी शोक संवेदनाएं शहीदों के प्रति रखीं। वहीं, पूरे सदन ने एकमत होकर यह प्रस्ताव रखा कि उत्तराखंड में किसी बड़े शिक्षण संस्थान का नाम सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखा जाना चाहिए, ताकि जनरल बिपिन रावत के शौर्य और उनके भारतीय सेना में योगदान की स्मृति हमेशा ताजा बनी रहे। उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र गुरुवार से शुरू हुआ। पहले दिन सीडीएस बिपिन रावत को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन को शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिये स्थगित कर दिया गया। जिसके बाद मुख्यमंत्री दिल्ली रवाना हो गए। सीएम दिल्ली में जनरल बिपिन रावत की अंत्येष्टि में शामिल होंगे। सत्र का पहला दिन सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन पर शोक संवेदना और श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए समर्पित रहा। सत्र के प्रथम दिन सदन में प्रवेश करने से पूर्व उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व अन्य मंत्री विधायकों ने जनरल बिपिन रावत के चित्र पर पुष्प अर्पित किए। इसके अलावा सत्र की अवधि एक दिन बढ़ाई गई है। 11 दिसंबर को भी सदन संचालित किया जाएगा।
विधानसभा सत्र के पहले दिन की कार्यवाही स्थगित करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि आज पूरा सदन शोकाकुल था, हर किसी ने अपनी संवेदनाएं दिवंगत जनरल बिपिन रावत और अन्य शहीद हुए 11 सैनिकों के प्रति रखीं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से उत्तराखंड ने अपने एक वीर सपूत को खोया है, उसको लेकर हर किसी का हृदय व्याकुल है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने जानकारी दी कि सदन की आगे की कार्यवाही के लिए कार्य मंत्रणा की बैठक बुलाई जाएगी। कार्य मंत्रणा की बैठक में तय किया जाएगा कि सदन का बिजनेस किस तरह से रहेगा। सदन में विपक्ष ने भी अपनी संवेदनाएं जनरल बिपिन रावत के प्रति रखीं। नेता सदन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सदन में कहा कि सीडीएस बिपिन रावत सरल स्वभाव के धनी थे, वह बड़े-बड़े पदों पर रहे, मगर कभी घमंड़ नही दिखाया, चारधाम ऑल वेदर रोड में भी काफी मदद की। सर्जिकल स्ट्राइक कर दुश्मनों को अपनी ताकत का एहसास कराया। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने अपनी संवेदनाएं जनरल बिपिन रावत और उनके साथ शहीद हुए 11 अन्य सैनिकों के प्रति व्यक्त करते हुए कहा कि देश की इतनी बड़ी शख्सियत के जाने पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव आते-जाते रहेंगे लेकिन ऐसी शख्सियत देश में सिर्फ एक बार ही आती है। इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने यह भी शंका जताई कि सेना का इतना टॉप सिक्योरिटी वाला विमान कैसे दुर्घटनाग्रस्त हो गया? यह सवाल हर देशवासी के जेहन में है, हालांकि, इसकी जांच चल रही है। जनरल बिपिन रावत के नाम पर शौर्य स्मारक बनाए जाने की मांग पर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि केवल स्मारक के द्वार पर जनरल रावत का नाम लिख देना नाइंसाफी होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अन्य शिक्षण संस्थानों केे नाम भी जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखे जाने चाहिए।
संसदीय कार्यमंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि सैन्य परिवार से संबंध रखने वाले थे। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सीडीएस बिपिन रावत देश की सुरक्षा को मजबूत करने के लिये कमान थिएटर बनाने में लगे थे, साथ ही सेना व जनता के बीच बेहतर तालमेल के भी पक्षधर थे। पूर्व मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि जनरल बिपिन रावत ने पाकिस्तान, चीन व बर्मा को सबक सिखाया। किसी विवि का नाम जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखा जाए। उप नेता प्रतिपक्ष करण माहरा ने कहा कि जैसे ही सूचना मिली तो आश्चर्य हुवा की देश का सबसे शक्तिशाली हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया, उत्तराखंड अपने बेटे को खोकर हैरान परेशान हैं। देश पाकिस्तान को लेकर चिंतित रहता था, मगर बिपिन रावत ने चीन को भी बड़ी चुनौती के रूप में देखा, अध्ययन के लिए समय निकालना लेख लिखना, कई डिग्री हासिल करना उनकी विशेषता को दरसाता हैं। सीडीएस बनने के बाद आंतकी घटनाओं में कमी आई, हमे इस बात को कुबुल करना होगा, नये रक्षा समझौते किये, गोरखा राइफल में रहे, अमेरिका तक में गोरखा राइफल की धमक हैं। चीन के लिये, पाकिस्तान के लिये विशेष प्लान किया, महिलाओं को फ़ौज में शामिल कराने में अहम योगदान दिया है।
मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि सभी दुखी हैं, उत्तराखंड ने अपने लाल को खो दिया हैं। भाजपा विधायक विनोद चमोली ने कहा कि जनरल बिपिन रावत देश मे सुरक्षा कवच थे, उनके जाने से सुरक्षा कवच कमजोर हुआ हैं। कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि उत्तराखंड के लिये बड़ा दुख का समय हैं। मजबूत हैलीकॉप्टर के क्रैश होने का मामला हमेशा कचोटता रहेंगे, शंका पैदा हो रही हैं, आखिर यह कैसा हुआ।
भाजपा विधायक गणेश जोशी ने कहा कि आज पूरा सदन बिपिन रावत को याद कर ग़मगीन हैं, मेरा मिलना-जुलना रहा, हमेशा उत्तराखंड के लिये सोचते थे, मैनेे हाइट में राहत की मांग की तो खुद जानकारी दी कि हाइट में छूट दे दी गई है। गणेश जोशी सदन में भावुक हो गये, सैनिक धाम के मुख्य द्वार का नाम सीडीएस के नाम पर रखने का प्रस्ताव रखा।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि पहले त्यौहार पर यहां तक कि संसद तक पर हमले हुए, बिपिन रावत के आने के बाद यह सिलसिला खत्म हुआ।
मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड के जांबाज़ लोगों ने 125 करोड़ की सुरक्षा की जिम्मेदारी ली हुई हैं। सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने छोटे से गांव से निकल कर बड़ा कारनामा अंजाम दिया हैं। 1962 में पहाड़ो पर लड़ने का अनुभव नही था, बिपिन रावत ने प्रशिक्षण कराया, अब देश की सभी सीमायें सुरक्षित है। बहादुर को पूरी दुनिया याद करती हैं।
कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने कहा की जनरल बिपिन रावत उत्तराखंड के लाल थे चीन के युद्ध मे जो कमी रह गई थी इसको पूरा करने के लिये थिएटर कमान की स्थापना कर रहे थे। बिपिन रावत के नाना यूपी में कांग्रेस के विधायक व मंत्री रहे।
मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि उनका सपना अधूरा रह गया है। बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि जरनल बिपिन रावत के दिवंगत होने की खबर पर विश्वास नहीं हो रहा हैं। सैन्य धाम का नाम बिपिन रावत के नाम पर किया जाये।
भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि जनरल बिपिन रावत असाधारण व्यक्तित्व के धनी थे, उन्होंने कहा था कि आंतकी आते रहेंगे, हम रिसीव करेंगे और ढाई गज जमीन के अंदर भेजते रहेंगे। फ़ौज को आधुनिक करने की दिशा में कई कदम उठाए।
मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने कहा कि जनरल बिपिन रावत को खोने का गम भुलाना आसान नही है। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि जनरल बिपिन रावत आक्रमण मुद्रा में रहने के बावजूद सरल स्वभाव के धनी थे, उत्तराखंड के प्रति काफी लगाव था, गांव की चिंता थी। विधायक चन्द्रा पंत ने कहा कि जनरल बिपिन रावत ने मेरी बेटी को फ़ौज में शामिल होने पर सम्मानित किया था।
धन सिंह नेगी ने कहा कि भारत ही नही मित्र राष्ट भी बिपिन रावत के निधन से स्तब्ध हैं।
विधायक सहदेव सिंह पुंडीर ने कहा कि मेरी विधानसभा क्षेत्र में बिपिन रावत जी का मकान भी बन रहा हैं। बहुत दुखी हूं, ग़मगीन हूं। विधायक सौरभ बहुगुणा ने कहा कि जनरल बिपिन रावत ने 43 साल के सेवा काल मे बहुत ही उत्कृष्ट कार्य किया। विधायक देशराज कर्णवल ने कहा कि पुलबामा हमले के बाद मैने बाघा बार्डर पर जाकर विरोध किया, तब जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि घर मे घुस कर मरेंगे। विधायक भरत चौधरी ने कहा कि आत्मा अजर हैं, अमर है, उनका शरीर हमे छोड़ कर गया हैं, प्रदेश के दूसरे सैनिक स्कूल का नाम बिपिन रावत के नाम पर रख जाये। विधायक विनोद कण्डारी ने कहा कि बिपिन रावत ने उत्तराखंड का गौरव बढ़ाया। देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी ने देवप्रयाग में बनाए जा रहे संस्कृत विश्वविद्यालय का नाम स्वर्गीय बिपिन रावत के नाम पर करने का प्रस्ताव सदन में प्रस्तुत किया गया। जिसका सदन द्वारा अनुमोदन किया गया। विधायक मुकेश कोली ने कहा कि पौड़ी के लिऐ अपूरणीय क्षति हैं। योद्धा मरते नही अमर हो जाते हैं। इसके अलावा विधायक हरबंस कपूर, संजय गुप्ता व राम सिंह कैडा ने भी सीडीएस बिपिन रावत को श्रद्धा सुमन अर्पित किये।