एसडीसी फाउंडेशन ने उत्तराखंड वैक्सीनेशन मीटर का 16वां संस्करण किया जारी
कहा, अगले 20 दिन में हर रोज एक लाख 7 हजार डोज जरूरी
देहरादून। राज्य में वैक्सीनेशन का टारगेट दिन बीतने के साथ ही पहुंच से कुछ और दूर निकल रहा है। हाल के दिनों में वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार के कारण अब 31 दिसंबर तक टारगेट हासिल कर पाना मुश्किल लगने लगा है। अब टारगेट पूरा करने के लिए 20 दिन का समय है और 21 लाख 43 हजार डोज वैक्सीन लगनी अब भी बाकी हैं।एसडीसी फाउंडेशन के उत्तराखंड वैक्सीनेशन मीटर के 16वें संस्करण के अनुसार 11 दिसम्बर तक राज्य में 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के 76,67,630 लोगों को पहली डोज और 56,48,294 लोगों को दोनों डोज वैक्सीन दी जा चुकी है। 11 दिसम्बर तक कुल 1,33,15,924 डोज वैक्सीन दी जा चुकी हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार राज्य में कोविड वैक्सीन की जरूरत वाले 18 से 44 वर्ष के लोगों की कुल संख्या 49,34,219 है और 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या 27,95,247 है। कुल 77,29,466 लोगों का वैक्सीनेशन किया जाना है। हर व्यक्ति को दो शॉट के हिसाब में राज्य में वैक्सीन की कुल 1,54,58,932 शॉट दी जानी हैं। एसडीसी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल के अनुसार उत्तराखंड में पिछले 10 दिनों में यानी 2 से 11 दिसम्बर के बीच राज्य में 5,82,461 डोज वैक्सीन दी गई। अब अगले 20 दिनों का टारगेट 21,43,008 है। इसका मतलब यह है कि 31 दिसंबर तक वैक्सीनेशन का टारगेट हासिल करने के लिए अब हर दिन 1,07,150 डोज वैक्सीन देनी होंगी। अनूप ने कहा की उत्तराखंड में टारगेट पूरा न हो पाना चिन्ताजनक है। सेकेंड वेव के बाद राज्य में कोविड के मामलों और इससे होने वाली मौतों की संख्या में कमी आने से लोग यह मान बैठे हैं कि अब कुछ नहीं होगा और वे दूसरी डोज लेने में लापरवाही कर रहे हैं। अनूप के अनुसार आने वाले समय में यह लापरवाही भारी पड़ सकती है। उनका कहना है कि वैक्सीन को लेकर अब भी कुछ लोगों के मन में संदेह है। सेकेंड वेव के चरम के बीच जिन लोगों को उस समय के हालात को देखते हुए पहली डोज ली थी, वे अब निश्चिंत हो गये हैं। अनूप के अनुसार लोगों को जल्दी से जल्दी सेकेंड डोज लेने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग को वैक्सीनेशन को अनिवार्य करने के बारे मे सोचने का सुझाव भी साझा किया है ।