देहरादून। एसजेवीएन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने अरुणाचल प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री चाउना मीन के साथ जल विद्युत परियोजनाओं के विकास के लिए रोड मैप पर चर्चा करने के लिए आज नई दिल्ली में एक बैठक की। उन्होंने बताया कि केंद्रीय विद्युत मंत्रीआर.के. सिंह के निरंतर प्रयासों के फलस्वरूप, अरुणाचल प्रदेश सरकार ने एसजेवीएन को 5097 मेगावाट की कुल क्षमता वाली 05 जल विद्युत परियोजनाओं के आवंटन को स्वीकार कर लिया है, जिसके लिए शीघ्र ही समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। बैठक के दौरान ए.के. सिंह, निदेशक (वित्त), एसजेवीएन भी उपस्थित रहे। एटालिन एचईपी (3097 मेगावाट), अटुनली एचईपी (680 मेगावाट), एमिनी एचईपी (500 मेगावाट), अमुलिन एचईपी (420 मेगावाट) और मिहुमडोन एचईपी (400 मेगावाट) नामक यह परियोजनाएं अरुणाचल प्रदेश के दिबांग बेसिन में स्थित हैं। शर्मा ने कहा कि वह हमेशा से एकीकृत नदी बेसिन विकास दृष्टिकोण की अवधारणा की वकालत करते रहे हैं। इसके अनुसार एक नदी बेसिन में एक डेवलपर को जल विद्युत परियोजनाओं का आबंटन करने से जनशक्ति, आधारभूत संरचना और वित्तीय संसाधनों का इष्टतम उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश सरकार द्वारा इस अवधारणा को स्वीकृत करते हुए इन परियोजनाओं को आबंटित किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की। एन.एल शर्मा, सीएमडी एसजेवीएन ने आश्वस्त किया कि एसजेवीएन के पास चुनौतीपूर्ण भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों में मेगा हाइड्रो परियोजनाओं के डिजाइन, निर्माण और संचालन का एक सफल ट्रैक रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि 60,000 करोड़ रूपए के संभावित निवेश वाली इन परियोजनाओं की कमीशनिंग एसजेवीएन द्वारा अगले 8-10 वर्षों में कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि कमीशनिंग होने पर, इन परियोजनाओं से संचयी आधार पर सालाना लगभग 20,000 मिलियन यूनिट स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन होने की संभावना है। इनमें से कुछ परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट पहले ही तैयार की जा चुकी है जबकि कुछ परियोजनाएं सर्वेक्षण एवं अन्वेक्षण चरण में हैं। शर्मा ने अवगत कराया कि इन परियोजनाओं के आबंटन के साथ, एसजेवीएन देश के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज करेगा जिससे कंपनी क्षेत्र की विकास प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा बनेगी। उन्होंने विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार और अरुणाचल प्रदेश सरकार का जल विद्युत् परियोजनाओं के विकास और राज्य की समग्र समृद्धि में भागीदार बनने के लिए एसजेवीएन को अवसर प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया।