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कहा, आज दिल्ली और देहरादून में सत्ताभाव से नहीं, सेवाभाव से चलने वाली सरकारें हैं
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आपके सपने, हमारे संकल्प हैं, आपकी इच्छा, हमारी प्रेरणा, आपकी हर आवश्यकता को पूरा करना हमारी जिम्मेदारी
हल्द्वानी/देहरादून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हल्द्वानी (नैनीताल) में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आपके सपने, हमारे संकल्प हैं, आपकी इच्छा, हमारी प्रेरणा है, और आपकी हर आवश्यकता को पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है। आज दिल्ली और देहरादून में सत्ताभाव से नहीं, सेवाभाव से चलने वाली सरकारें हैं। उत्तराखंड तेज विकास की रफ्तार को और तेज करना चाहता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मिट्टी की ताकत को जानता हूं। बढ़ रहा इन्फ्रास्ट्रक्चर, चारधाम परियोजना, रेल परियोजना, नये हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट, बढ़ रही औद्योगिक क्षमता, टूरिज्म सेक्टर में बढ़ रही सुविधाएं, होम स्टे, प्राकृतिक खेती, हर्बल उत्पाद से ये दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। सबका साथ, सबका विकास से उत्तराखण्ड और देश का विकास हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि एम्स के सैटेलाईट सेंटर और पिथौरागढ़ के मेडिकल कालेज से कुमाऊं और तराई क्षेत्र के लोगों के लिए विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। विभिन्न सड़क प्रोजेक्ट कुमाऊं को बेहतर कनेक्टीवीटी देंगे। टनकपुर-बागेश्वर रेल लाईन पर भी जल्दी से काम शुरू होगा। ये सभी शिलान्यास, पत्थर मात्र नहीं हैं, ये हमारी संकल्प शिलाएं हैं। जिन्हें कि हमारी सरकार सिद्ध करके दिखाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि हल्द्वानी को नये साल की एक और सौगात दी जाएगी।
पीएम मोदी ने कहा हल्द्वानी के ऑवरऑल विकास के लिए 2 हजार करोड़ की योजनाएं लाएंगे जिससे यहां अभूतपूर्व विकास होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड से कितनी ही नदियां निकलती हैं। आजादी के बाद से ही, यहां के लोगों ने दो धाराएं और देखी हैं। एक धारा है- पहाड़ को विकास से वंचित रखने की। और दूसरी धारा है- पहाड़ के विकास के लिए दिन रात एक कर देने की। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम किसी ऐतिहासिक स्थल पर जाते हैं तो वहां हमें ये बताया जाता है कि इस स्थान को इतने साल पहले बनाया गया था, ये इमारत इतनी पुरानी है। दशकों तक देश का ये हाल रहा है कि बड़ी योजनाओं की बात आते ही कहा जाता था- ये योजना इतने साल से अटकी है, ये प्रोजेक्ट इतने दशक से अधूरा है। आज यहां उत्तराखंड में जिस लखवाड़ प्रोजेक्ट का काम शुरू हुआ है, उसका भी यही इतिहास है। इस परियोजना के बारे में पहली बार 1976 में सोचा गया था। आज 46 साल बाद, हमारी सरकार ने इसके काम का शिलान्यास किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गंगोत्री से गंगासागर तक हम एक मिशन में जुटे हैं। शौचालयों के निर्माण से, बेहतर सीवरेज सिस्टम से और पानी के ट्रीटमेंट की आधुनिक सुविधाओं से गंगा जी में गिरने वाले गंदे नालों की संख्या तेजी से कम हो रही है। केंद्र सरकार ने नैनीताल के देवस्थल पर भारत की सबसे बड़ी ऑप्टिकल टेलीस्कोप भी स्थापित की है। इससे देश-विदेश के वैज्ञानिकों को नई सुविधा तो मिली ही है, इस क्षेत्र को नई पहचान मिली है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कनेक्टिविटी के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के हर पहलू को अनदेखा किया गया। हमारी सेना और सैनिकों को सिर्फ और सिर्फ इंतजार ही कराया। पहले की सरकारों ने सीमावर्ती राज्य होने के बावजूद कैसे इस क्षेत्र की अनदेखी की, ये राष्ट्ररक्षा के लिए संतानों को समर्पित करने वाली कुमाऊं की वीर माताएं भूली नहीं हैं। हमारी सरकार ने सैनिकों का मान बढ़ाया। उनकी वन रैंक वन पेंशन की मांग को पूरा किया। उच्च कोटि के हथियार उपलब्ध कराकर सेना को मजबूत किया। अब हमारी सेना को दुश्मन को करारा जवाब देने के लिए अनुमति का इंतजार नहीं करना पड़ता।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देवभूमि उत्तराखण्ड में स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी, स्वामी विवेकानंद जी की तरह भारतीय संस्कृति की पताका को पूरे विश्व में लहरा रहे हैं, सरदार वल्लभभाई पटेल जी की तरह राष्ट्र को सुदृढ़ एवं संगठित बना रहे हैं, बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की तरह दलितों एवं वंचितों की चिंता कर रहे हैं और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के आदर्शों पर चलते हुए अंत्योदय के स्वप्न को साकार करने के लिए कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री जी जिस कठिन परिश्रम द्वारा भारत को पुनः विश्व गुरू बनाने के प्रति प्रयत्नशील है वह न केवल मेरे जैसे सामान्य व्यक्ति को और अधिक परिश्रम करने के लिए प्रेरित करता है बल्कि सवा सौ करोड़ भारतीयों में आशा एवं विश्वास का बीज रोपित करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए भारत द्वारा प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में किए जा रहे कार्यों की न केवल डब्ल्यूएचओ जैसे संगठनों ने सराहना की है बल्कि अन्य देश भी भारत द्वारा दिखाए गए अदम्य साहस, विश्वास एवं जीवटता की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हैं। कोरोना काल में जहां एक ओर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने करोड़ो लोगों के दो वक्त का भोजन सुनिश्चित किया है, वहीं आयुष्मान भारत योजना ने देश के नागरिकों को यह भरोसा दिलाया कि बीमार होने पर उन्हें निःशुल्क उपचार अवश्य मिलेगा। सर्वस्पर्शी विकास को लेकर प्रधानमंत्री जी की सोच कितनी व्यापक है ये नमामि गंगे, स्वच्छता अभियान, नई शिक्षा नीति, इन्द्रधनुष योजना, वन नेशन वन राशन कार्ड जैसी अनेकों जनकल्याणकारी योजनाओं से प्रदर्शित होता है। प्रधानमंत्री ने विकास परियोजनाओं के लिए उत्तराखण्ड की जनता को बधाई देते हुए कहा कि आज कुमाऊँ आने का सौभाग्य मिला तो कई पुरानी यादें ताजा हो गई हैं। और ये इतनी आत्मीयता से आपने जो उत्तराखंडी टोपी मुझे पहनाई गई है, वो उसे पहनकर मुझे गर्व का अनुभव हो रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को युवा, कर्मठ और लोकप्रिय मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में तेजी से हो रहे विकास को और तेजी से करना है। उत्तराखंड के लोगों का सामर्थ्य, इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाएगा। उत्तराखंड में बढ़ रहा आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, चार धाम महापरियोजना, नए बन रहे रेल रूट्स, इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाएंगे। इस अवसर पर उत्तराखंड के राज्यपाल ले.ज.(से.नि.) गुरमीत सिंह, केन्द्र सरकार के रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, त्रिवेन्द्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत, सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक, अजय टम्टा, माला राज्यलक्ष्मी शाह, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल,उत्तराखण्ड के कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल, बिशन सिंह चुफाल, गणेश जोशी, अरविंद पाण्डेय, बंशीधर भगत, डा. धन सिंह रावत, रेखा आर्या, स्वामी यतीश्वरानंद, विधायकगण, उपस्थित थे।