देहरादून। उत्तराखंड पुलिस के दस आईपीएस अधिकारियों को नए साल में तोहफा मिला है। आईपीएस अधिकारियों को नए साल में प्रमोशन का गिफ्ट मिला है। शासन ने 10 आईपीएस अधिकारियों की डीपीसी के बाद प्रमोशन किया है। जिन्हें प्रमोशन के तहत एडीजी (अपर पुलिस महानिदेशक) के नए रैंक के तहत नए पदभार की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हालांकि, संजय गुंज्याल को इंटेलिजेंस चीफ के तौर पर बरकरार रखा गया है। लेकिन इसके साथ ही 10 नए आईपीएस अफसरों के नए सिरे से पोस्टिंग कर उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई है। काफी हद तक प्रमोशन पाने वाले आईपीएस व अन्य अधिकारी को पुराने जिम्मेदारी से ही बरकरार रखा गया है।
गौर हो कि डीआईजी पद से प्रमोशन पाकर आईजी रैंक प्राप्त करने वाली साल 2004 बैच के आईपीएस ऑफिसर विमला गुंज्याल जिनके पास वर्तमान में डीआईजी पीएसी मुख्यालय और सतर्कता इकाई की जिम्मेदारी थी। उन्हें इससे कार्य मुक्त करते हुए आईजी रैंक के नए पद के रूप में पुलिस महानिरीक्षक सीआईडी एवं पुलिस दूरसंचार की जिम्मेदारी सौंपी गई।
वहीं, एसएसपी रैंक प्रमोशन पाकर डीआईजी बनने वाली साल 2008 बैच के आईपीएस ऑफिसर निवेदिता कुकरेती जिनके पास वर्तमान में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्मिक की जिम्मेदारी थी। उन्हें इससे कार्य मुक्त करते हुए नई जिम्मेदारी के रूप में डीआईजी अभिसूचना की जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही आईपीएस अमित श्रीवास्तव जिनके पास वर्तमान में पुलिस अधीक्षक विजिलेंस सेल और माननीय उच्च न्यायालय उत्तराखंड सेवा की जिम्मेदारी थी। उससे अवमुक्त करते हुए उन्हें नई जिम्मेदारी के रूप में सेनानायक आईआरबी द्वितीय देहरादून का पदभार सौंपा गया है।
इन आईपीएस अधिकारियों को मिला प्रमोशन
1- साल 1995 बैच के सीनियर एडीजी डॉ। पीवी के प्रसाद को सीआईडी के जिम्मेदारी से मुक्त कर अभियोजन निदेशक की नई जिम्मेदारी दी गई है।
2- आईजी रैंक से एडीजी रैंक में प्रमोशन पाने वाले साल 1997 बैच के आईपीएस अफसर अमित सिन्हा जिनके पास वर्तमान में पुलिस महानिरीक्षक पी एंड एम दूरसंचार व निदेशक सतर्कता का पदभार था। उन्हें अब नई जिम्मेदारी के रूप में पुलिस महानिरीक्षक पी एंड एम व दूरसंचार से कार्यमुक्त करते हुए अपर पुलिस महानिदेशक पुलिस दूरसंचार सीसीटीएनएस की नई जिम्मेदारी दी गई।
3- आईजी से प्रमोशन पाकर एडीजी रैंक प्राप्त करने वाले डॉ। वी मुर्गेशन जिनके पास वर्तमान में पुलिस महानिरीक्षक साइबर अपराध एवं एसटीएफ अपराध एवं कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी थी। उन्हें इन दोनों ही पदभार से कार्य मुक्त करते हुए नई जिम्मेदारी के रूप में अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था के साथ-साथ फिर नए ।क्ळ पद में साइबर अपराध व एसटीएफ की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
4- आईजी के पद से प्रमोशन पाकर एडीजी रैंक प्राप्त करने वाले 1997 आईपीएस बैच के अधिकारी संजय गुंज्याल जिनके पास वर्तमान में पुलिस महानिरीक्षक अभी सूचना एवं सुरक्षा व कुंभ मेला 2021 की जिम्मेदारी थी। उसे बरकरार रखते हुए नए पद एडीजी रैंक में फिर से उन्हें इंटेलिक इंटेलिजेंस और सुरक्षा चीफ बनाया गया है।
5- डीआईजी रैंक से प्रमोशन पाकर आईजी बनने वाले आईपीएस साल 2004 बैच के आईपीएस केवल खुराना जिनके पास वर्तमान में डीआईजी अभिसूचना की जिम्मेदारी थी। उन्हें इस पद से कार्यमुक्त करते हुए आईजी रैंक में पी एंड एम (पुलिस मॉर्डनाइजेशन) की जिम्मेदारी दी गई है।
6- डीआईजी पद से प्रमोशन पाकर आईजी रैंक प्राप्त करने वाली साल 2004 बैच के आईपीएस ऑफिसर विमला गुंज्याल जिनके पास वर्तमान में डीआईजी पीएसी मुख्यालय और सतर्कता इकाई की जिम्मेदारी थी। उन्हें इससे कार्य मुक्त करते हुए आईजी रैंक के नए पद के रूप में पुलिस महानिरीक्षक सीआईडी एवं पुलिस दूरसंचार की जिम्मेदारी सौंपी गई।
7- एसएसपी रैंक प्रमोशन पाकर डीआईजी बनने वाली साल 2008 बैच के आईपीएस ऑफिसर निवेदिता कुकरेती जिनके पास वर्तमान में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्मिक की जिम्मेदारी थी। उन्हें इससे कार्य मुक्त करते हुए नई जिम्मेदारी के रूप में डीआईजी अभिसूचना की जिम्मेदारी दी गई है।
8- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से प्रमोशन पाकर डीआईजी बनने वाली साल 2008 आईपीएस बैच की महिला अधिकारी पी रेणुका देवी जिनके पास वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी थी। उन्हें इससे अवमुक्त करते हुए नई जिम्मेदारी के रूप में डीआईजी अपराध एवं कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई है।
9- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद से प्रमोशन पाकर डीआईजी रैंक पाने वाले साल 2008 आईपीएस बैच के अधिकारी बरिंदरजीत सिंह जिनके पास वर्तमान में सेनानायक आईआरबी द्वितीय का पदभार था। उन्हें इससे कार्मिक करते हुए नए रैंक पुलिस उपमहानिरीक्षक के रूप में पीएसी मुख्यालय व उप निदेशक सतर्कता (विजिलेंस) की जिम्मेदारी दी गई।
10- आईपीएस अमित श्रीवास्तव जिनके पास वर्तमान में पुलिस अधीक्षक विजिलेंस सेल और माननीय उच्च न्यायालय उत्तराखंड सेवा की जिम्मेदारी थी। उससे अवमुक्त करते हुए उन्हें नई जिम्मेदारी के रूप में सेनानायक आईआरबी द्वितीय देहरादून का पदभार सौंपा गया है।