देहरादून। यह डीआईटी विश्वविद्यालय के लिए बहुत गर्व की बात है क्योंकि इसे विश्वविद्यालय और डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी श्रेणी (तकनीकी) के तहत इनोवेशन अचीवमेंट्स (एआरआईआईए) फ्रेमवर्क 2021 पर संस्थानों की अटल रैंकिंग के परफॉर्मर बैंड में मान्यता मिली है। नवाचार उपलब्धियों पर संस्थानों की अटल रैंकिंग (एआरआईआईए) शिक्षा मंत्रालय (एमओई), सरकार की एक पहल है। भारत के सभी प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों को छात्रों और संकायों के बीच नवाचार और उद्यमिता विकास से संबंधित संकेतकों पर शिक्षक संस्थानो को दी जाती है। इनोवेशन सेल, शिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों के अनुसार विश्वविद्यालयों को रैंक और बैंड में वर्गीकृत किया गया है। नवाचार और स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र पर आकलन के लिए मानदंड हैं बजट, समर्थन के लिए व्यय, बुनियादी ढांचे और सुविधाएं, आइडिया जनरेशन और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता गतिविधियां, प्रचार और सहायक उद्यमिता विकास, बौद्धिक संपदा (आईपी) उत्पादन, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और व्यावसायीकरण, अभिनव संस्थान के शासन में सीखने के तरीके और पाठ्यक्रम तथा नवाचार। निदेशक (सेंटर ऑफ इनोवेशन, इनक्यूबेशन, एंटरप्रेन्योरशिप एंड स्टार्ट-अप) उमेश चंद्र अग्रवाल ने कहा कि डीआईटी विश्वविद्यालय, डीआईटी विश्वविद्यालय और आसपास के क्षेत्र में नवाचार, उद्यमिता और स्टार्ट-अप संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि हाल ही में डीआईटी विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल (आईआईसी) को 2020-21 के वार्षिक प्रदर्शन के लिए शिक्षा मंत्रालय और एआईसीटीई, भारत सरकार के इनोवेशन सेल द्वारा 4 स्टार रेटिंग से सम्मानित किया गया था। डीआईटी विश्वविद्यालय स्टार्ट-अप की मान्यता और वित्त पोषण के लिए नोडल एजेंसी के रूप में स्टार्ट-अप उत्तराखंड, उत्तराखंड सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है। डीआईटी विश्वविद्यालय ने उत्तराखंड क्षेत्र में स्टार्ट-अप विकसित करने के लिए टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर की स्थापना भी की है।