देहरादून।
सावन कृपाल रूहानी मिशन की 207 राजपुर रोड़ पर स्थित देहरादून शाखा द्वारा 17 फरवरी, 2022 को देहरादून के 155 राजपुर रोड़ पर स्थित बधिर अर्थात बहरे बच्चों के लिए कार्यरत संस्था बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ लर्निंग एंड वोकेशनल ट्रेनिंग के सहयोग से ”ध्यान-अभ्यास द्वारा क्रोध पर नियंत्रण“ विषय पर ऑन लाईन आध्यात्मिक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें इस इंस्टीट्यूट के कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक के विद्यार्थियों और टीचर्स के अलावा प्रिंसिपल ने भी हिस्सा लिया। ऑन लाईन कार्यशाला में विद्यार्थियों को यह समझाया गया कि आज हम ऐसे युग में जी रहे हैं जिसमें कि हमें अनेक प्रकार के लोगों से मेल-मिलाप रखना पड़ता है। ऐसे में अगर हमारा स्वभाव सभी के प्रति प्रेम व प्यार वाला है तो हम सबके लिए आदर व सम्मान के पात्र बनेंगे लेकिन अगर हम बात-बात पर हम क्रोधित हो जाते हैं अथवा छोटी-छोटी बातों पर हम अपना स्वभाव झगड़ालू किस्म का बना लेते हैं तो सभी लोग हमसे दूर रहने की कोशिश करेंगे क्योंकि वे लोग ऐसा सोचेंगे कि इस व्यक्ति से दूर ही रहा जाए तो बेहतर है। अब सवाल ये आता है कि क्रोध हमें आता क्यों है? असल में क्रोध की बुनियाद में अहंकार की भावना छिपी है। जिस व्यक्ति के अंदर जितना अहंकार होगा, उतना ही ज्यादा उसे क्रोध आएगा। जब हम अहंकार के कारण यह सोचते हैं कि जो मैं कर रहा हूँ या जो मैं कह रहा हूँ वही चीज़ ठीक है और अन्य सभी लोगों को उसके अनुसार ही चलना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति उसमें किसी भी प्रकार की बाधा डालता है तो हमें उस व्यक्ति पर क्रोध आ जाता है। हम अपना मानसिक संतुलन खो बैठते हैं और उस अवस्था में हम अच्छे और बुरे में फर्क नहीं कर पाते। अगर हम ध्यान से देखें तो हम क्रोध में बहुत सी ऐसी चीज़ें कर जाते हैं, जिनके लिए हमें बाद में बहुत पश्चाताप करना पड़ता है। क्रोध की आग सबसे पहले खुद को जलाती है, उसके बाद दूसरों को। क्रोध न सिर्फ हमारे अंदर खराबी करता है बल्कि यह हमारे आस-पास के वाता