देहरादून। भोजन, शिक्षा और स्वास्थ्य की तिकड़ी विकास के मूल स्तंभ हैं और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार और समाज दोनों इन बुनियादी सिद्धांतों की अनदेखी कर रहे हैं, इसलिए देश इसकी भारी कीमत चुका रहा है। स्वास्थ्य न केवल एक संपत्ति है, बल्कि एक संसाधन भी है जिसका सब लोगों को अच्छी तरह से देखभाल करनी चाहिए। यहां आयोजित एक पत्रकार वार्ता में डॉ. गौरव संजय ने कहा कि इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को केवल व्यावसायिक लाभ के उद्देश्य से काम नहीं करना चाहिए बल्कि उनका उद्देश्य मानव लोकाचार पर आधारित होना चाहिए। अच्छा स्वास्थ्य सभी मानव जाति की प्राथमिकता होनी चाहिए। लेकिन, हमारे अनुभव से पता चलता है कि स्वास्थ्य जो एक संपत्ति है, को कई अवसरों पर विशेष रूप से भारत जैसे गरीब और विकासशील देशों में द्वितीयक स्थिति में धकेल दिया जा रहा है। प्रेस वार्ता के दौरान डॉ. गौरव संजय ने बताया कि एक स्वस्थ जीवन शैली जीने से बहुत सी बीमारियों को रोकने में मदद मिल सकती है। एक स्वस्थ जीवन शैली जीना न केवल आपके जीवन का विस्तार करता है, बल्कि आपके शरीर और दिमाग को भी पुर्नजीवित करता है। स्वस्थ शरीर के लिए बीमारी को कम करने के लिए एक स्वस्थ जीवन शैली को अपनाना बहुत आवश्यक है। डॉ. संजय ने अपने सम्बोधन में बताया कि यह समाज और राष्ट्र दोनों की जिम्मेदारी है कि हमें बचपन में सिखाया जाना चाहिए कि क्या सही है और क्या गलत? अगर हम सभी ने बचपन में कानून का पालन करने की आदत सीख ली होती तो आज भारत में स्थिति अलग होती क्योंकि यह सही कहा गया है कि आप वही हैं जो आपकी आदतें हैं। हालांकि एक स्वस्थ आदत विकसित करना बहुत मुश्किल है, लेकिन इसके लिए मानसिकता में बदलाव की आवश्यकता होती है। पùश्री से सम्मानित डॉ. बी. के. एस. संजय ने बताया कि अच्छे स्वास्थ्य की अवधारणा सब को बचपन में दी जानी चाहिए, ना कि जीवन के बाद के चरणों में। नियमित व्यायाम, संतुलित भोजन और पर्याप्त आराम ये सभी अच्छे स्वास्थ्य में योगदान करते हैं। जब आवश्यक हो तो, लोगों को उचित समय पर चिकित्सा उपचार प्राप्त करना चाहिए। उनके दृष्टिकोण से, जन-जागरूकता अभियान स्वास्थ्य देखभाल में सुधार लाने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
प्रेसवार्ता के दौरान डॉ. बी. के. एस. संजय ने कहा कि समाज के संभ्रांत व्यक्तियों, चिकित्सा क्षेत्र के सभी लोगों की एवं सभी रोगियों का कर्तव्य एवं जिम्मेदारी होनी चाहिए कि वह समाज के प्रभावित लोगों को स्वास्थ्य के प्रति अच्छी एवं उचित जानकारी दें एवं यदि आवश्यकता हो तो लोगों का उचित इलाज कराने में मदद करें। जब सब लोगों को समय पर उचित उपचार मिलेगा तो न केवल प्रभावित लोगों का बल्कि समाज के अन्य लोगों का भी स्वास्थ्य अच्छा होगा। हम सभी लोगों को हमेशा यह कहावत याद रखनी चाहिए कि बचाव इलाज से बेहतर है। यह बात गौरतलब है कि संजय ऑर्थाेपीडिक स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर 2002 से निःशुल्क जन-जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है। केंद्र अब तक विभिन्न स्वास्थ्य और स्वास्थ्य से संबंधित सामाजिक मुद्दों को उजागर करते हुए लगभग 200 निःशुल्क जन-जागरूकता व्याख्यान आयोजित कर चुका है। इस उपलब्धि को 2020 में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा उल्लेखित किया जा चुका है। पùश्री से सम्मानित डॉ संजय ने बताया कि निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर और निःशुल्क जागरूकता व्याख्यान के बारे में सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त करने के बाद उन्होंने अधिक लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए 2018 से अतिथि लेखन लिखने का फैसला किया। अब तक डॉ. बी. के. एस. संजय और डॉ. गौरव संजय ने 62 अतिथि लेख लिख चुके हैं जो प्रिंट मीडिया में अधिकतम् लिखित अतिथि लेख हैं। इसे इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज किया गया है। इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के कार्यालय ने प्रमाण पत्र जारी किया है और इसके लिए पदक भी दिया है और एक छोटा वीडियो बनाया है जिसे यू-ट्यूब, फेसबुक पर अपलोड किया गया है। इसी तरह से भविष्य में भी स्वास्थ्य संबंधी लेख जारी रहेगा जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा।