मुख्यमंत्री का नाम 19 मार्च को सामने आने की उम्मीद

देहरादून। रंगों के त्योहार होली के अगले दिन 19 मार्च को उत्तराखंड में मुख्यमंत्री के लिए  चेहरे की तस्वीर साफ हो जाएगी। मुख्यमंत्री के चेहरे  को लेकर देहरादून से लेकर दिल्ली तक चर्चाएं, अटकलें, कयासबाजी और सियासी मंथन चल रहा है। दिल्ली में भाजपा आलाकमान और राज्य के तमाम बड़े नेताओं की एक के बाद एक बैठकें हो रही हैं। राज्य के नये मुख्यमंत्री को लेकर भाजपा राजनीतिक और रणनीतिक दोनों स्तरों पर काम कर रही है। इसे लेकर दिल्ली में कई अहम बैठकें अब तक हो चुकी हैं। माना जा रहा है कि होली के अगले दिन 19 मार्च को विधायक दल की बैठक होगी। जिसमें मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति बन जाएगी। 20 या फिर 21 मार्च को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित हो सकता है और 23 मार्च तक उत्तराखंड में नई सरकार के गठन की बात भाजपा की ओर से कही जा रही है। उल्लेखनीय है कि भाजपा ने उत्तराखण्ड के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए हैं। तमाम नेताओं से चर्चा का दौर लगभग पूरा हो चुका है। जिसके बाद उम्मीद लगाई जा रही है कि 19 मार्च को केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह और सह पर्यवेक्षक मीनाक्षी लेखी उत्तराखंड आएंगे। जिसके बाद वे विधानमंडल दल की बैठक में भाग लेंगे। मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा इसी दिन हो जाएगी। ज्ञात हो कि 10 मार्च का दिन भाजपा के लिए दूसरी बार शानदार बहुमत लेकर आया। मगर इन सबके बीच कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा सीट से चुनाव हार हार गए। जिसके बाद भाजपा की मुख्यमंत्री को लेकर सभी रणनीति गड़बड़ा गई। इस समय धामी सहित डॉ. धन सिंह रावत, सतपाल महाराज, रीतू खंडूरी, डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, अजय भट्ट और अनिल बलूनी का नाम सीएम पद के लिए चल रहा है।

भगत को दिल्ली से बुलावा, फिर तेज हुई सियासी अटकलें
देहरादून। विधानसभा चुनाव में भाजपा को लगातार दूसरी बार शानदार बहुमत मिलने के सात दिन बाद भी अभी तक मुख्यमंत्री का नाम फाइनल नहीं हो पाया है। उत्तराखण्ड के कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं को दिल्ली से बुलावा आ चुका है। इस बार इसी कड़ी में गुरूवार को उत्तराखंड के वरिष्ठ विधायक बंशीधर भगत को दिल्ली से अचानक बुलावा आया। इसके बाद सियासी गलियारों में एक बार फिर   हलचल तेज हो गई। ज्ञात हो कि भगत को उत्तराखंड का प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है। उनके कद का तभी से सभी को अंदाजा हो चुका है। उन्हें भाजपा आलाकमान की ओर से बुलावा आया तो उनके लिए मुख्यमंत्री के पद को लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई। भारतीय जनता पार्टी को इस चुनाव में 47 सीटें मिली हैं और मगर लगातार मंथन के बाद भी भी मुख्यमंत्री का नाम फाइनल नहीं हो पा रहा है। यहां ये भी उल्लेखनीय है कि भाजपा ने इस बार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के चेहरे पर विधानसभा चुनाव लड़ा था। लेकिन धामी खटीमा से चुनाव हार गए। इसके बाद भाजपा की सारी रणनीति गढ़बड़ा गई, यही कारण है कि मुख्यमंत्री का चेहरा फाइनल करने में इतना समय लग रहा है।

प्रदेश प्रभारी बोले, भव्य और दिव्य होगा सीएम का शपथ ग्रहण समारोह
देहरादून। नई सरकार के सीएम का शपथ ग्रहण भव्य और दिव्य होगा। इसके लिए प्रदेश प्रभारी ने संगठन के पदाधिकारियों को जरुरी निर्देश दिए। पार्टी के मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम ने वर्चुअल बैठक मे प्रदेश पदाधिकारियों और व्यवस्थाओं से जुड़े वरिष्ठ नेताओं के साथ विस्तृत चर्चा की। प्रदेश प्रभारी ने कहा कि समारोह मे समाज के सभी वर्गों की भागेदारी की जानी चाहिए। समाज में प्रतिष्ठित विभिन्न क्षेत्रों में  समाज के लिए प्रेरणा का कार्य करने वाले लोगों के बीच यह शपथ हो जिसका प्रदेश साक्षी बने इसके लिए पूरी तैयारी की जाय। इसमें मातृ शक्ति, बुद्धिजीवी और जन सरोकारो से जुड़े सभी वर्ग शामिल हो। बैठक मे प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक तथा महामंत्री संगठन अजेय कुमार भी मौजूद रहे। बैठक का संचालन पार्टी के प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने किया।

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