- तहरीर के आधार पर रायपुर पुलिस की भूमिका संदिग्ध
देहरादून। वाह रे रायपुर पुलिस। शिकायतकर्ता का ही उत्पीड़न कर रही है। रायपूर थाना क्षेत्र में रिंग रोड पर खुशी बिल्डिंग मैटिरियल सप्लायर विनोद कुमार पुत्र स्व. जसवन्त सिंह लगभग बारह वर्षो से बिल्डिंग मैटिरियल का काम करता है। गत 4 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर व हरियाणा से 30 से 40 बदमाश गाड़ियों में सवार होकर उक्त स्थान पर पहुंचे और जबरदस्ती घुसकर तोड़ फोड़ की और वहां से सीसीटीवी की डीवीआर उठाकर ले गए। जिसकी शिकायत 112 पर की गई। जिसके बाद पुलिस इनमें से करीब आधा दर्जन लोगों को गिरफ्ता कर ले गई। जिसके बाद पीड़ित विनोद कुमार ने थाने में तोड़फोड़, सामान उठाने व हथियार के बल पर धमकाने की तहरीर रायपुर पुलिस को दी। लेकिन पुलिस ने धारा 151 में शांतिभंग में इन सभी लोगों को चालान कर दिया। यहीं से पुलिस की भूमिका संदिग्ध हो गई। क्योंकि पुलिस तहरीर के बाद भी शांतिभंग में चालान करती है। जबकि शिकायतकर्ता ने कुछ और ही तहरीर पुलिस को दी। जिसकों पुलिस ने रिसीव भी किया।
रायपुर पुलिस ने जब शिकायतकर्ता की तहरीर पर कोई कार्रवाई नहीं की तो शिकायतकर्ता ने एसएसपी देहरादून का दरवाजा खटखटाया। उसने एसएसपी से शिकायत करते हुए 4 अप्रैल के घटनाक्रम के बारे में बताया। जिस पर एसएसपी ने थाना रायपुर को इस मामले में उचित कार्रवाई के आदेश दिए। एसएसपी को दी गई शिकायत थाने में पहुंची तो रायपुर पुलिस ने शिकायतकर्ता को ही थाने में बुलाया। जिसक पर शिकायतकर्ता विनोद कुमार का कहना है कि पुलिस उन्हीं पर दबाव बना रही है। जबकि उनके ऑफिस में घुसकर तोड़फोड़ करने वाले व डीवीआर चोरी करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उनका कहना है कि मौके पर एक मंदिर भी था जिसमें भी तोड़फोड़ की गई है। उन्होंने कहा कि उक्त बदमाशों ने उन्हें जान का खतरा बना हुआ है।