देहरादून। चारधाम यात्रा में मात्र 22 दिनों के भीतर तीर्थ यात्रियों की संख्या का आंकडा 10.26 लाख तक पहुंच गया है, जिसे देखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक व्यापक बनाने की रणनीति अमल में लायी जा रही है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. शैलजा भट्ट के अनुसार चारधाम यात्रा मार्गाे पर 48 स्थायी एवं 19 अस्थायी चिकित्सा ईकाइयां 24 घंटे काम कर रही है। इसके अतिरिक्त 11 फर्स्ट मेडिकल रिस्पोन्डर यूनिट भी संवेदनशीन स्थानो पर संचालित हो रहे है। महानिदेशक ने बताया कि यात्रा मार्ग पर 24 फिजीशियन, 133 चिकित्सक,12 आर्थाेपैडिक सर्जन तथा 65 नर्सिग एवं पैरामेडिकल स्टॉफ 15-15 दिनो के रोटेशन अनुसार डय्टी पर तैनात किये गये है। स्वास्थ्य सेवाओं की मदद के लिये सिग्मा हैल्थ केयर के 06 तथा विवेकानन्द ट्रस्ट के 07 चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टॉफ केदारनाथ और पीपलकोटी मे सेवाऐं दे रहे है। केदारनाथ की विषम परिस्थितियों को देखते हुए 04 अतिरिक्त चिकित्सक भी केदानाथ अस्पताल में तैनात किये गये है। डॉ. शैलजा भट्ट ने कहा कि चारधाम यात्रा को सुरक्षित संचालित कराने के लिए यात्रा
मार्गाे पर 117 एम्बुलैंस तैनात की गई है, जिनके द्वारा अभी तक 214 घायल यात्रियों को उपचार के लिये हायर सेंटर तक पहंुचाया गया। राज्य के मुख्यमंत्री की ओर से भी 01-01 अतिरिक्त एम्बुलैंस केदारनाथ और यमनोत्री में विशेशतौर पर लगायी गयी है।
स्वास्थ्य महानिदेशक ने जानकारी दी है कि यात्रा के दौरान गुरूवार तक 50450 यात्रियों को चिकित्सा ईकाइयो पर देखा गया है, जिसमें से 2,919 को आपातकालीन स्थितियों में बचाया गया। यात्रा के दौरान 124 घायल लोगों को अस्पतालो में उपचार दिया अथवा हायर सेंटर पर भेजा गया। जिन यात्रियों को हैल्थ स्क्रीनिंग के दौरान आगे की यात्रा के लिये उपयुक्त नही पाया गया उन्हें वापस लौटाया गया, जिसकी संख्या गुरूवार तक 78 हो गई है। महानिदेशक ने यात्रा के दौरान हो रही आकस्मिक मृत्यु को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि कल से आज तक 13 यात्रियों की मृत्यु हुई है, जिसमें 01 व्यक्ति की मृत्यु अस्पताल में हुई जबकि 12 यात्रियों की मृत्यु अस्पताल से बाहर हुई है।