- तीनों अभियन्ताओं को निलंबित कर होनी चाहिए थी जांचः विशाल
- जांच अधिकारी पर लगाया आरोपियों के सहयोग का आरोप
देहरादून। पेयजल निगम के अधीक्षण अभियन्ता (एसई) प्रवीण राय, अधिशासी अभियन्ता (ईई) जितेन्द्र सिंह देव ने अधिशासी अभियन्ता विशाल कुमार से साथ गत 18 मई को जल निगम कालोनी सीमाद्वार में मारपीट की जिसे लगभग 20 दिन बीत गए। लेकिन अभी तक विभागीय जांच की रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है, जबकि 7 दिन में रिपोर्ट सौंपनी थी। जिसकी जांच मुख्य अभियन्ता मुख्यालय एससी पंत व प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक निर्माण सीएस रजवार कर रहे हैं।
जिसकों लेकर अधिशासी अभियन्ता विशाल कुमार का कहना है कि विभाग को पहले मारपीट करते वाले सभी अभियन्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी। मुझे, प्रवीण राय व जितेन्द्र सिंह देव तीनों को निलंबित करके जांच करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि जो गलत होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए तथा जो निर्दोष है उसे बहाल करना चाहिए। उनका कहना है कि सभी विभागों में पहले कार्रवाई होती है फिर जांच होती है। उन्होंने कहा कि मारपीट मामले में गत 18 मई को थाना बसंत बिहार में मुकदमा दर्ज किया कराया गया था उसमें भी काई कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने जांच अधिकारी मुख्य अभियन्ता मुख्यालय एससी पंत पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस जांच को जान बूझकर लटकाया जा रहा है। जबकि जांच अधिकारी को घटना स्थल पर मारपीट करने की सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध करा दी गई है। जिसके बाद भी अभी तक जांच सौंपी नहीं गई है। उन्होंने जांच अधिकारी पर आरोपियों का सहयोग करने का आरोप भी लगाया है।