शेरू को खोज कर लाओ 50 हजार ईनाम पाओ

नई दिल्ली । लोगों के लापता होने पर दीवारों पर चस्पा पोस्टर आपने बहुत देखे होंगे, लेकिन किसी ने पालतू कुत्ते के लापता होने का पोस्टर शायद ही देखा हो। इतना ही नहीं, उस पर उसे ढूंढ़ने के लिए इनाम के बारे में तो कतई नहीं सुना होगा। अब दिल्ली के यमुनापार में त्रिलोकपुरी से आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के पार्षद विजय कुमार ने पालतू कुत्ते ‘शेरू’ के लापता होने पर जगह-जगह पोस्टर चस्पा कराने के साथ उसे ढूंढ़ कर लाने वाले को 50,000 रुपये इनाम देने की घोषणा की है। सिर्फ यही नहीं, वह उसे तलाशने के लिए डाग कम्युनिकेटर की मदद भी ले रहे हैं। यह ‘शेरू’ से उनका लगाव ही है कि वह हर तरकीब अपना रहे हैं, जिससे उनका चहेता मिल जाए। वह रोज अपनी टीम के साथ एक नए इलाके में जाकर घंटों उसे खोजते भी हैं।
शेरू 11 सितंबर से है लापता
शेरू बीते 11 सितंबर से मयूर विहार फेज-एक की पार्किंग से लापता है। पोस्टर में उसकी तस्वीर प्रकाशित है। साथ ही बताया गया है कि उसके गले में लाल रंग का पट्टा डला हुआ है। विजय बताते हैं कि शेरू ने पार्किंग में गाड़ी की सफाई कर रहे व्यक्ति को काट लिया था। उससे खफा होकर पार्किंग संचालक उसे कहीं छोड़ आया। उन्होंने बताया कि अब पार्किंग संचालक को उसके किए पर पछतावा है, इस कारण उन्होंने उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की।
रोज आ रहे कई काल और वाट्सएप मैसेज
विजय के पास रोजाना काफी संख्या में काल और वाट्सएप मैसेज आते हैं। लोग शेरू के हुलिये से मेल खाते कुत्ते को देख कर उसकी लोकेशन और फोटो उन्हें भेजते हैं, लेकिन अब तक उन्हें उनका शेरू नहीं मिल पाया है। विजय ने बताया कि शुरुआत में उन्होंने शेरू को तलाश कर लाने के लिए 25,000 रुपये इनामी राशि तय की थी। अब उसे बढाकर 50,000 रुपये किया है।
2019 में मिला था शेरू
शेरू वर्ष 2019 में विजय कुमार को त्रिलोकपुरी में सड़क पर मरणासन्न अवस्था मे मिला था। कुछ ही दिन पहले उसका जन्म हुआ था। उससे पहली मुलाकात का जिक्र करते हुए भावुक विजय ने बताया कि वह शेरू को पशु चिकित्सक के पास लेकर गए थे। उसकी आंखें तक नहीं खुल रही थीं। कुछ दिनों तक वह भर्ती रहा था। ठीक होने पर वह उसे अपने घर ले गए थे। उनके घर में पहले से एक जर्मन शेफर्ड कुत्ता टाबी था। शुरुआत में दोनों एक-दूसरे से दूर रहते थे। बाद में शेरू और टाबी के बीच दोस्ती हो गई। दोनों साथ खाना खाते थे। साथ ही सोते थे।
विजय बताते हैं कि लापता होने से कुछ महीने पहले शेरू के बर्ताव में बदलाव आ गया था। फिर एक दिन शेरू ने उनकी बेटी को काट लिया। एक दिन तो तब हद पार कर दी, जब उसने नोटों की गड्डी फाड़ दी। फिर उसने विजय को ही काट लिया। इसके बाद उन्होंने उसे घर से कुछ कदम दूरी मयूर विहार फेज- एक की पार्किंग में रखना शुरू कर दिया। शेरू खाने में देसी घी लगी रोटी खाता है। इसके अलावा दूध पीता है। रोजाना वह बादाम, काजू, पिस्ता भी खाता है।
विजय पांच माह पहले बने पार्षद
पांच माह पहले हुए नगर निगम के उप चुनाव में विजय कुमार पार्षद निर्वाचित हुए। उनका प्रापर्टी का कारोबार है। वह पूर्व में पूर्वी दिल्ली नगर निगम में नौकरी करते थे। वहां से इस्तीफा देकर उन्होंने चुनाव लड़ा था।

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