हरिद्वार। हरिद्वार में बुद्ध पूर्णिमा पर शुक्रवार को हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया। हरकी पैड़ी पर ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। दोपहर में हरकी पैड़ी और आसपास के गंगा घाट श्रद्धालुओं से भरे रहे। मां गंगा का अभिषेक कर श्रद्धालुओं ने दान-पुण्य कर सुख-समृद्धि एवं शांति की प्रार्थना की। शास्त्रों में बुद्ध पूर्णिमा स्नान का बड़ा महत्व है। इसी स्नान के साथ बैशाख माह के स्नान का भी समापन हो जाता है। हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के श्रद्धालुओं के जत्थे बृहस्पतिवार शाम से ही हरिद्वार पहुंचने शुरू हो गए थे। स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 5.30 बजे से 7.30 बजे तक रहा।
बुद्ध पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने के अलावा हजारों श्रद्धालु पितरों का पिंडदान करने पहुंचे। हरकी पैड़ी, सुभाष घाट, कुशाव्रर्त घाट, मालवीय घाट और शिव घाटों पर विधि-विधान से पिंडदान हुए। नाई घाट पर बच्चों का मुंडन संस्कार करवाने वालों की काफी भीड़ रही। वहीं, स्नान करने के बाद अधिकतर श्रद्धालु संध्याकालीन गंगा आरती में शामिल हुए। आरती शुरू होने से पहले ही मालवीय घाट का प्लेटफार्म श्रद्धालुओं से भर गया।
बैठने की लिए जगह नहीं मिलने पर श्रद्धालु गंगा घाट की सीढ़ियों पर बैठ गए। आरती खत्म होते ही श्रद्धालुओं का रेला निकला तो सड़कों पर जाम की स्थिति बन गई। वहीं, स्नान के दौरान यातायात पुलिस ने रूट डायवर्जन प्लान लागू कर दिया था। शुक्रवार को स्नान संपन्न होने तक प्लान लागू रहा। इस अवधि में शहर में भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहा।