करनाल। केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले नौ महीने से किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है लेकिन पिछले महीने पुलिस लाठीचार्ज की घटना को लेकर किसानों ने न सिर्फ मिनी सचिवालय का घेराव किया बल्कि उसे धरनास्थल बना दिया। किसान रातभर वहां पर डटे रहे। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मिनी सचिवालय में दे रहे धरना की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर साझा की। आगे की रणनीति होगी तय किसान नेता ने कहा कि आगे क्या करना है ये बैठकर तय करेंगे। रात में प्रशासन से बातचीत नहीं हुई थी। प्रशासन अपना काम करे, वे दूसरे गेट का इस्तेमाल कर लें, कई गेट हैं। दरअसल, करनाल में 28 अगस्त को पुलिस के साथ झड़प में करीब 10 प्रदर्शनकारी बुरी तरह से जख्मी हो गए थे, जब वे भाजपा के एक कार्यक्रम की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे थे।
बेनतीजा रही बातचीत
किसान नेताओं की मंगलवार को प्रशासन के साथ हुई बातचीत बेनतीजा रही। जिसके बाद किसानों ने मार्च शुरू कर दिया था। हालांकि हरियाणा की मनोहरलाल खट्टर सरकार ने किसानों के मिनी सचिवालय का घेराव के कार्यक्रम को देखते हुए पहले ही करनाल में धारा 144 लागू कर दी थी और मोबाइल इंटरनेट सेवा को निलंबित कर दिया था।
गौरतलब है कि किसान नेताओं ने आईएएस अधिकारी आयुष सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जिनका वीडियो वायरल हो गया था। जिसमें सिन्हा कथित तौर पर पुलिसकर्मियों को प्रदर्शन कर रहे किसानों के सिर फोड़ने के लिए कहते सुनाई दे रहे हैं।