मसूरी/देहरादून। मसूरी, बाटाघाट दमन काण्ड की 28वीं बरसी पर उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच ने आज यहां झूलाघर स्थित शहीद स्थल पर मुख्यमंत्री द्वारा राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण की घोषणा पर तत्काल शासनादेश जारी करने की मांग की और चेतावनी दी कि यदि चिन्हीकरण का शासनादेश जल्दी अमल में नहीं आया तो मंच संघर्ष तेज करेगा।
15 सितम्बर 1994 को मसूरी के बाटाघाट में मसूरी कर्फ्यू की खिलाफत करने वाले हजारांे राज्य आंदोलनकारियों के बहादुराना संघर्ष और उन पर हुए बर्बर दमन को सरकारों द्वारा भुला देने की निंदा की गयी।
आज के इस धरने का नेतृत्व उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच के संरक्षक जयप्रकाश उत्तराखण्डी और अध्यक्ष देवी गोदियाल ने किया। इस अवसर पर पूर्व सभासद केदार चौहान, सुंदर सिंह कैन्तुरा, डाक्टर मुकुल बहुगुणा, ऐजाज अहमद अन्सारी, सुंदर लाल, नवीन सिंह, मोहनसिंह, राजेश शर्मा, कुन्दन सिंह पंवार, मंगसीर सिंह पंवार आदि उपस्थित रहे।
उधर चयनित राज्य आंदोलनकारी समिति के केंद्रीय संरक्षक धीरेंद्र प्रताप ने मसूरी के आंदोलनकारियों को भेजे एक संदेश में काहे की बाटा घाट और मसूरी दमन कांड के दोषियों को आज तक सजाना मिलना एक तरह से उत्तराखंड की अस्मिता पर कलंक है उन्होंने कहा कि हमें इसके विरुद्ध लगातार संघर्ष करना है और दोषियों को सजा दिलाई बिना हम चौन से नहीं बैठेंगे। उन्होंने चेतावनी दी की यदि सरकार में जल ही चिंदी करण का देश नहीं निकाला तो उत्तरकाशी से अनशन शुरू करवा कर राजा निर्माण आंदोलनकारी बड़े पैमाने पर संघर्ष करेंगे।