नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पिथौरागढ़ व चंपावत से पूर्व सांसद महेंद्र सिंह मेहरा की सांसद निधि संशोधित विकास कार्यों के अनुसार भुगतान करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने याचिकाकर्ता से सरकार के शपथपत्र पर अपना जवाब पेश करने को कहा है। अब मामले की अगली सुनवाई 28 नवम्बर को होगी। आज सुनवाई पर याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि उनके द्वारा जो विकास कार्य किए गए हैं उनका भुगतान कराया जाये। कोर्ट ने उनसे सरकार के जवाब पर शपथपत्र पेश करने को कहा है। मामले के अनुसार पिथौरागढ़ ,चंपावत से पूर्व राज्य सभा सांसद महेंद्र सिंह मेहरा ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि कोविड काल के दौरान केंद्र सरकार ने उनकी सांसद निधि बंद कर दी थी। जिसको केंद्र सरकार ने 2022 फिर से सुचारू किया। सुचारु करने पर उनके द्वारा प्रेषित विकास कार्यों के लिए ढाई करोड़ दिये गये। याचिकाकर्ता ने कहा पूर्व में दी गयी विकास कार्यों की सूची में से कई कार्य सरकार ने अन्य मदों से कर दिए गए। 2022 में उनके द्वारा फिर से केंद्र सरकार को विकास कार्यों की संशोधित सूची जिले के नोडल अधिकारी के माध्यम से भेजी गई, परन्तु संशोधित सूची जिले के नोडल अधिकारी ने केंद्र सरकार को नहीं भेजी। याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका में कोर्ट से प्राथर्ना की है कि उनके द्वारा जनहित में कराए गये कार्यों की संशोधित सूची के अनुसार सांसद निधि का भुगतान करवाया जाये।