देहरादून। दो दिवसीय संगोष्ठी के तीसरे सत्र में आज कचरा प्रबंधन एवम सतत्र विकास पर विभिन्न विशेष विशेषज्ञो ने चर्चा की। उत्तराखंड अर्बन डेवलपमेंट के नोडल अधिकारी रवि पांडे ने प्राधिकरण द्वारा कचरा प्रबंधन के लिए की जाने वाली विभिन्न परियोजनाओं पर चर्चा की। सत्र के मॉडरेटर अनूप नौटियाल ने बताया कि उत्तराखंड में कचरा प्रबंधन की दिशा में किए जा रहे प्रयासो से सतत विकास की प्रक्रिया बहुत धीमें गति से चल रही है। वेस्ट वारियर देहरादुन से आए नवीन सदाना जी ने कचरा प्रबंधन को लेकर किए जा रहे प्रयासों एवम उसमे महीला समूह के द्वारा दिए जा रहे विशेष योगदान की चर्चा की। तीसरे सत्र की सह अध्यक्ष डॉक्टर शैली सिंघल ने बताया कि शतत विकास को किस प्रकार हम अपने घरेलू प्रबंधन से शुरू कर सकते हैं। उन्होंने अपने द्वारा किए जा रहे विभिन्न ठोस प्रबंधन के उपायों की विस्थित रूप से चर्चा की। संगोष्ठी के अंतिम सत्र का शुभारंभ मौसम विभाग के निदेशक डॉक्टर विक्रम सिंह के विभाषण से हुआ। जिन्होंने बदलते हुए परियावरण के विषय में छात्रों को विस्तृत रूप से बताया। बोटोनिकल सर्वे ऑफ इंडिया के निदेशक डॉक्टर एस के सिंह ने पौधों के द्वारा मिलने वाली शुद्ध वायु और उसके संग्रक्षण के बारे मैं विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉक्टर दुर्गेश पंत महा निदेशक यू कॉस्ट देहरादून ने सतत विकास में छात्रों का योगदान की महत्ता पे विशेष जोर डाला। पदम श्री डॉक्टर बी के एस संजय जी ने खाद्य पदार्थों में मिलावट एवम उससे होने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम की अध्यक्षा डॉक्टर प्रियदर्शन पात्रा ने की। अंत में संगोष्ठी के सह आयोजक डॉक्टर तरुमाय घोषाल ने सभी का धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर डॉक्टर नवीन सिंघल ने किया। कार्यक्रम में डॉक्टर अखिलेश, डॉक्टर सौरभ मिश्रा, डॉक्टर जबरिंदर, डॉक्टर राकेश मोहन, डॉक्टर आंचल शर्मा आदि उपस्थित थे।