देहरादून : जयंत चौधरी, राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार), कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) और राज्य मंत्री, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने संशोधित मॉडल कौशल ऋण योजना का उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य युवाओं के लिए कौशल पाठ्यक्रमों, खासतौर पर ऊँचे शुल्क वाले आधुनिक पाठ्यक्रमों को सुलभ बनाना है, ताकि वे बिना आर्थिक बोझ के इन पाठ्यक्रमों का लाभ उठा सकें। यह योजना भारत के युवाओं को भविष्य के लिए तैयार कर उन्हें सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
योजना का उद्देश्य मेधावी छात्रों के लिए आधुनिक कौशल पाठ्यक्रमों को सुलभ बनाना है, जो आर्थिक बाधाओं के चलते इन पाठ्यक्रमों का लाभ नहीं उठा पाते। इस तरह उम्मीदवारों के लिए उद्योग जगत के अनुकूल भावी कौशल प्राप्त करना आसान हो जाएगा।
कौशल ऋण बाज़ार में एनबीएफसी एवं माइक्रो फाइनैंस संस्थानों की भूमिका को देखते हुए, एमएसडीई ने वित्त मत्रांलय के अनुमोदन से, इस योजना में उल्लेखनीय संशोधन किए हैं। अब एनबीएफसी, माइक्रो फाइनैंस संस्थान और छोटे फाइनैंस बैंक भी ऋण दे सकेंगे, जो दिए गए ऋण की 75 फीसदी राशि तक डिफॉल्ट पर गारंटी द्वारा समर्थित होंगे। इसके अलावा क्रेडिट गारंटी कवर के लिए व्यक्तिगत ऋण का अधिकतम टिकट साइज़ बढ़ाकर रु 7.50 लाख कर दिया गया है, जबकि पहले इसकी सीमा रु 1.50 लाख थी।
कौशल भवन में उद्घाटन समारोह के दौरान जयंत चौधरी, राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार), कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) और राज्य मंत्री, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने कहा, ‘‘मॉडल कौशल ऋण योजना का उद्घाटन हमारे कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के लिए बड़ी उपलब्धि है। यह योजना रु 7.5 लाख तक के कोलेटरल-रहित ऋण के माध्यम से युवाओं को आधुनिक कौशल पाने के लिए आर्थिक सहयोग प्रदान करेगी। एनबीएफसी, एनबीएफसी-एमएफआई और छोटे फाइनैंस बैंकों को भी ऋण देने की अनुमति दी गई है। आज भारत सहित, दुनिया भर में टेक्नोलॉजी एवं सामाजिक दृष्टि से बड़े बदलाव आ रहे हैं, ऐसे में हमारी शिक्षा प्रणाली और जॉब मार्केट में भी बदलाव लाने की ज़रूरत है। हम 2047 दृष्टिकोण को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, सरकार इन बदलावों पर गंभीरता से विचार कर रही है। यह मॉडल कौशल ऋण योजना एक सुधार और उदारीकरण है, जैसा कि जनता चाहती थी।’
इस अवसर पर अतुल कुमार तिवारी, सचिव, एमएसडीई ने कहा, ‘‘कौशल विकास प्रणाली में नए दौर की लर्निंग शामिल होने के साथ ‘कौशल अर्थव्यवस्था’ बाज़ार की ज़रूरतों के अनुकूल हो रही है। आज शहरी एवं अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों के युवा कौशल और आजीविका में सुधार के लिए मौजूदा अवसरों को पहचान रहे हैं। इस योजना की मदद से महत्वाकांक्षी उम्मीदवार कई सेक्टरों जैसे हेल्थकेयर, आईटी, एआई-डेटा साइंस, क्लाउड ऐप्लीकेशन, डिजिटल मार्केटिंग, हॉस्पिटेलिटी, एनिमेशन, गेमिंग, ग्राफिक डिज़ाइनिंग और ड्रोन टेक्नोलॉजी में अपनी पसंद के कौशल पाठ्यक्रम चुन सकते हैं। उद्योग जगत की बदलती मांग को ध्यान में रखते हुए पेश किए गए ये पाठ्यक्रम युवाओं को नौकरियों के अच्छे अवसर प्रदान करते हैं, यहां तक कि वे विदेश में भी नौकरियां पा सकते हैं।’
कौशल ऋण सुविधाओं के अभाव में बहुत से युवा कौशल प्रशिक्षण से वंचित रह जाते हैं। कौशल सेक्टर में ऋण के निर्बाध प्रवाह को सुनिश्चित करने और कम आय वर्ग के युवाओं को किफ़ायती कौशल ऋण उपलब्ध कराने के लिए एमएसडीई ने 2015 में क्रेडिट गारंटी फंड स्कीम फॉर स्किल डेवलपमेन्ट का लॉन्च किया था। अब नई मॉडल कौशल ऋण योजना इसी का संशोधित रूप है। यह योजना टेक्नोलॉजी में तेज़ी से हो रहे बदलावों के बीच युवाओं के कौशल में आने वाली चुनौतियों को हल करने में कारगर होगी।
कार्यक्रम में शिरकत करने वाले माननीय अतिथियों में – सचिव, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय, अतुल कुमार तिवारी; एआईसीटीई, टी.जी. सीथाराम; वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार, एमएसडीई, नीलाम्बुज शरन; तथा सीईओ, एनएसडीसी एवं एमडी, एनएसडीसी इंटरनेशनल, वेद मणि तिवारी; चेयरमैन, नेशल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी, दुर्गेश पाण्डेय, डिप्टी सीईओ, इंडियन बैंक्स एसोसिएशन, गोपाल भगत और सीईओ, एड्युवैंज़ फाइनैंशियल सर्विसेज़, वरूण चोपड़ा शामिल थे।