रुड़की । हरिद्वार जिले के रुड़की में ड्रग विभाग की टीम ने कंपनियों की दवाई चेक करने वाली लैब में छापा मारा। लैब से बड़ी संख्या में फर्जी रिपोर्ट्स बरामद हुई हैं। बताया गया है कि इस लैब से दवा कंपनियों को फर्जी रिपोर्ट बनाकर दी जा रही थी। हरिद्वार ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने इस बात की पुष्टि की है।
दरअसल, ड्रग विभाग की जांच में सामने आया कि इस लैब में बड़ी संख्या में कंपनियां अपनी दवा के सैंपल की जांच करा रही थीं। जांच के बाद टीम ने सभी दवा कंपनियों की जांच रिपोर्ट अपने कब्जे में ले ली हैं और लैब के लाइसेंस निलंबन के संस्तुति करने की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी गई है। इसी के साथ टीम ने लैब को सील करने की भी कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को बताया है।
बता दें कि, हरिद्वार जिले में ड्रग विभाग और सीडीएससीओ की टीम लगातार दवा कंपनियों और लैब समेत मेडिकल स्टोरों पर लगातार छापा मार रही है। इसके चलते एक कंपनी ने ड्रग विभाग की टीम को सूचना दी कि ईदगाह चौक स्थित एक लैब में जो दवा सैंपल की रिपोर्ट तैयार की जा रही है, वो फर्जी है।
इसी के साथ बताया गया था कि उन्होंने अपनी दवा कंपनी के सैंपल की जांच दूसरी लैब में कराई तो हकीकत सामने आई। इस सूचना पर ड्रग विभाग की टीम ने ईदगाह चौक स्थित पहुंचकर लैब पर छापेमारी की और रिपोर्ट की बारीकी से जांच की। जांच में पता चला कि जो शिकायत की गई थी, वो सही थी। टीम को मौके से करीब 100 कंपनियों से अधिक की जांच रिपोर्ट बरामद हुई हैं, जिनमें से कई रिपोर्ट्स फर्जी पाई गई हैं।
हरिद्वार ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने बताया कि पिछले काफी दिनों से शिकायत मिल रही थी कि इस लैब में जिन दवा कंपनियों ने सैंपल की जांच कराई जाती है, वो फर्जी तरीके से तैयार की जा रही हैं। जिसकी जानकारी दवा कंपनियों को भी नहीं थी। इसके अलावा इन कंपनियों की दवाएं मानक पर भी खरी नहीं उतर रही थीं।
अनिता भारती ने बताया कि कई दवा कंपनियों भी अपनी लैब में सैंपल की जांच की जाती है, लेकिन कई जांच ऐसी होती हैं जो कंपनी की लैब में नहीं हो पाती, इसलिए इन कंपनियों को दूसरी लैब पर अपने सैंपल की जांच करानी होती है। उन्होंने बताया कि लैब से बरामद की गई सभी दवा कंपनियों की जांच रिपोर्ट कब्जे में ले ली गई है और इसी के साथ लैब के लाइसेंस निलंबन के संस्तुति करने की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी गई है।
ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने बताया कि हरिद्वार जनपद में जितनी भी निजी लैब चल रही हैं, उन्हें पहले स्टेट ड्रग टीम को अवगत कराना होगा। साथ ही ये भी बताना होगा कि वो कितनी दवा कंपनियों की जांच रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। अगर ऐसा नहीं किया गया तो ड्रग विभाग की टीम इन लैब पर भी कार्रवाई करेगी।