उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हिंसक झड़पों में चार किसानों सहित आठ लोगों के मारे जाने के एक दिन बाद भी, क्षेत्र में धारा 144 लागू रही, यहां तक कि राजनीतिक दलों और किसान संघों ने देश भर में इस घटना के विरोध में प्रदर्शन जारी रखा। कांग्रेस समर्थकों ने सीतापुर में पीएसी गेस्ट हाउस के बाहर प्रियंका गांधी वाड्रा की रिहाई की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया, जहां उन्हें हिरासत में लिया गया है। विपक्षी दल भी लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को लेकर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग करते रहे।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जाते वक्त रास्ते में सीतापुर में हिरासत में ली गईं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाद्रा 28 घंटे बाद भी पुलिस अभिरक्षा में हैं। कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मंगलवार को पीटीआई- को बताया कि वाद्रा समेत पांच नेताओं को हिरासत में लिए गए 28 घंटे से ज्यादा समय हो चुका है। उन्होंने कहा, वाद्रा को अब तक अपने वकीलों से मिलने नहीं दिया गया। किसी को 24 घंटे से ज्यादा समय तक पुलिस हिरासत में रखना ग़ैर क़ानूनी है, मगर प्रशासन के कान पर जूं नहीं रेंग रही है।प्रशासन ने उन्हें हिरासत में लेने की कोई क़ानूनी वजह भी नहीं बतायी है। लल्लू के मुताबिक वाद्रा ने साफ़ कहा है कि वह हिरासत से छूटते ही लखीमपुर खीरी जाकर शहीद किसानों के परिजनों से मुलाकात करेंगी। प्रियंका गाँधी के साथ पार्टी के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर, युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.वी. श्रीनिवास और विधान परिषद सदस्य दीपक सिंह भी हिरासत में हैं। लल्लू ने बताया कि द्वितीय वाहिनी पीएसी परिसर के बाहर इस वक्त बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद हैं और हिरासत में लिए गए सभी नेताओं को छोड़ने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं में वाद्रा की ग़ैर क़ानूनी हिरासत को लेकर बेहद आक्रोश है।