चमोली: रुद्रनाथ धाम के शीतकालीन के लिए कपाट आज हो गए बंद। उत्तराखंड के उच्च हिमालय रुद्र क्षेत्र में विराजमान पंच केदारों में एक प्रमुख केदार भगवान श्री रुद्रनाथ जी के मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए पूरे विधि विधान के साथ आज ब्रह्म मुहूर्त में बंद हो गए हैं। अब भगवान रुद्रनाथ की शीतकालीन पूजा गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर में संपन्न होगी। करीब 11,808 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर में पहुंचने के लिए कई बुग्याल पार कर 19 किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है। कपाट बंद होने से पूर्व राजा सगर की आराध्य देवी मां चंडिका ने अपने नेम निशान सहित देवरा बारीदारों के साथ श्री रुद्रनाथ भगवान के मंदिर में देव भेंट की। जिसके बाद मां चंडिका देवी की देवरा यात्रा भी रुद्रनाथ जी के कपाट बंद होने पर चल विग्रह डोली के साथ लौट आई।
आपको बता दें बृहस्पतिवार 17 अक्तूबर सुबह ब्रह्म मुहूर्त में भगवान रुद्रनाथ जी का प्रातः कालीन अभिषेक, पूजाएं संपन्न होने के बाद भगवान रुद्रनाथ की उत्सव डोली गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर के लिए रवाना हो गई है। मंदिर परिसर में मौजूद सैकड़ो श्रद्धालु इस अलौकिक अवसर के साक्षी बने।
उच्च हिमालई शिव धाम श्री रुद्रनाथ मंदिर में भगवान शंकर के एकानन यानि मुख की पूजा की जाती है, जबकि संपूर्ण शरीर की पूजा नेपाल की राजधानी काठमांडू के पशुपतिनाथ मंदिर में की जाती है। अब शीतकालीन में भगवान रुद्रनाथ की पूजा अर्चना गोपीनाथ मंदिर में होगी।