नैनीताल। उत्तराखंड में पर्यावरण मित्रों (सफाई कर्मियों) के हड़ताल का मामला उच्च न्यायालय पहुंच गया है। अधिवक्ता नीरज तिवारी की ओर से इस मामले को सोमवार को मुख्य न्यायाधीश की अदालत में संदर्भित (मेंशन) किया गया और अदालत ने इस पर सुनवाई के लिये 28 जुलाई की तिथि नियत कर दी है।
याचिकाकर्ता की ओर से उल्लेख किया गया कि प्रदेश के नगर निकायों में पर्यावरण मित्रों की एक यूनियन हड़ताल पर चली गयी है। इससे शहरों में कूड़े के अंबार लग गये हैं। जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हुए है। इससे जनजीवन पर बुरा असर पड़ रहा है और महामारी का खतरा उत्पन्न हो गया है।
सरकार की ओर से वैकल्पिक कदम नहीं उठाये जा रहे हैं। याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया है कि स्वच्छ पर्यावरण लोगों का मौलिक अधिकार है और हड़ताल से उसका हनन हो रहा है। इसके अलावा याचिकाकर्ता की ओर से जनहित याचिका में यह भी आधार लिया गया है कि हड़ताली कर्मचारी हिंसा पर भी उतारू हो गये हैं और गैर हड़ताली कर्मचारियों के साथ मारपीट कर रहे हैं।
हल्द्वानी में इसी प्रकार का एक मामला हाल ही में सामने आया है। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत से ऐसे हिसंक लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश एसएसपी को देने की मांग की गयी है।
अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया कि अदालत इसे स्वीकार कर लिया और इस मामले पर सुनवाई 28 जुलाई को होगी।