सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क उपलब्ध हैं 204 दवाईयांः डॉ. धन सिंह
आपात स्थिति में सीएमओ एवं चिकित्साधिकारी खरीद सकेंगे दवा,
कहा पदोन्नत्ति व स्थानांतरण के लाभ से वंचित नहीं रहेंगे कार्मिक
देहरादून। प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में विभिन्न रोगों से संबंधित 204 दवाओं का निःशुल्क वितरण सहित पैथालॉजी जांच मुफ्त में की जा रही है। आपात स्थिति में सीएमओ एवं चिकित्साधिक्षकों को जन औषधि केंद्रों एवं अनुबंधित फर्मों के माध्यम से दवा खरीदने का अधिकार दिया जायेगा। राज्य में गुणवत्तापूर्ण औषधि, पैथोलॉजी जांच एवं स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा योजना संचालित की जा रही है। जिसका फायदा आम लोगों को मिल रहा है। राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ आम लोगों तक पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं जिनके नतीजे सामने आने लगे हैं। शिशु मृत्यु दर में चार अंकों का सुधार सरकार के प्रयासों का ही प्रतिफल है। विभागीय कार्मिकों को पदोन्नित एवं स्थानांतरण के लाभ से कतई भी वंचित नहीं रखा जायेगा।
यह बात सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह ने शुक्रवार को भारतीय जन औषधि परियोजना के अंतर्गत कोरोनेशन अस्पताल में आयोजित जन औषधि मित्र सम्मेलन में कही। राष्ट्रीय स्तर पर मनाये जा रहे इस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डॉ. रावत ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण औषधि एवं स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करने के उद्देश्य से भारतीय जन औषधि परियोजना की पहल की गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के मार्गदर्शन में जन औषधि योजना का लाभ आम आदमी तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में विभिन्न रोगों से सम्बंधित 204 दवाओं का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है। ताकि लोगों को अस्पतालों में ही गुणवत्तापूर्ण औषधि मिले सके और उन्हें बाहर की महंगी दवाएं न खरीदनी पड़े। डॉ. रावत ने कहा कि डॉक्टरों को बाहर की दवा न लिखने के स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं यदि कोई डॉक्टर बाहर की दवा मरीजों को लिखता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि दवाओं के अलावा सरकारी अस्पतालों में पैथोलॉजी जांचे भी मुफ्त में की जा रही है। जिसका फायदा आम लोगों को मिल रहा है। राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ आम लोगों तक पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। जिनके नतीजे सामने आने लगे हैं। राज्य में शिशु मृत्यु दर में चार अंकों का सुधार सरकार के प्रयासों का ही प्रतिफल है। उन्होंने कहा कि सूबे में बाल मृत्यु दर अब 27 प्रति हजार जीवित जन्म है जबकि पहले यह आंकड़ा 31 प्रति हजार जीवित जन्म था। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्मिक को प्रमोशन व स्थानांतरण के लाभ से वंचित नहीं किया जाएगा। डॉक्टरों, फार्मासिस्टों, नर्सों सहित सभी कार्मिकों का समय पर प्रमोशन किया जाएगा, साथ ही विभागीय स्थानांतरण प्रक्रिया भी अलग से चलती रहेगी। स्वास्थ्य महानिदेशक ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में चिन्हित 204 दवाओं के अलावा आपात स्थिति में सीएमओ एवं चिकित्साधिक्षकों को जन औषधि केंद्रों एवं अनुबंधित फर्मों के माध्यम से दवाओं की खरीद का अधिकार शीघ्र दिया जाएगा। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा दिया गया है। इससे अस्पताल में दवा उपलब्ध न होने की स्थिति में मरीजों को तत्काल दवा उपलब्ध करा दी जायेगी। सम्मेलन में समर्पण संस्था के सहयोग से विभागीय मंत्री के हाथों जनऔषधि के बेहतर उपयोग एवं प्रचार-प्रसार के लिए डॉक्टरों एवं फार्मासिस्टों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा, सीएमओ देहरादून डॉ. मनोज उप्रेती, सीएमएस कोरोनेशन अस्पताल डॉ. शिखा जंगपांगी सहित समर्पण संस्था के प्रतिनिधि, अस्पताल के डॉक्टर, फार्मासिस्ट एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।